Fact Check : ABVP की रैली की तस्‍वीर को छेड़छाड़ करके CAA के विरोध में किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि एबीवीपी की ओर से सीएए का विरोध करने की पोस्‍ट फर्जी है। एबीवीपी की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग छेड़छाड़ करके गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। ओरिजनल तस्‍वीर में एबीवीपी के कार्यकर्ता सीएए को सपोर्ट कर रहे थे।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्‍यों को एक बैनर पकड़े हुए देखा जा सकता है। इस पर कथित रूप से लिखा है कि ये लोग NRC, CAB, CAA को सपोर्ट नहीं करते हैं। बैनर के ऊपर ABVP Assam लिखा हुआ है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस तस्‍वीर की पड़ताल की तो पता चला कि ओरिजनल बैनर से छेड़छाड़ करके नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को सपोर्ट नहीं करने की बात लिखी गई है। ओरिजनल तस्‍वीर गुजरात के अहमदाबाद की है। 18 दिसंबर 2019 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के बाहर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में रैली निकाली थी। उसी दौरान की तस्‍वीर को कुछ लोग छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया में गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर राजीव त्‍यागी ने 1 जनवरी 2020 को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : Abe yeh kya? ABVP?! तस्‍वीर में दिख रहे बैनर के ऊपर लिखा है : We dont support NRC, CAB, CAA #ABVP Assam

इस पोस्ट के आर्काइवड वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें ट्विटर पर 1 जनवरी 2020 को किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें ओरिजनल तस्‍वीर थी। तस्‍वीर में हमें वही लोग दिखे, जो वायरल इमेज में मौजूद थे। लेकिन बैनर के ऊपर लिखा हुआ था : We Support CAA. इस ट्वीट को एबीवीपी की सोशल मीडिया संयोज‍क वरदा मराठे ने किया था। ट्वीट को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हम फिर गूगल रिवर्स इमेज पर गए। वहां हमें DNA की वेबसाइट पर यह तस्‍वीर मिली। तस्‍वीर के कैप्‍शन में लिखा था Ahmedabad: ABVP activists take part in a rally in support of India’ new citizenship law on December 18, 2019 , AFP

19 दिसंबर 2019 को अपलोड खबर में बताया गया कि 18 दिसंबर को अहमदाबाद में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने एक रैली निकाली थी। रैली का मकसद सीएए को समर्थन करना था।

इसके बाद हम एबीवीपी के गुजरात के स्‍टेट सेक्रेटरी निखिल मेथिया के ट्विटर हैंडल पर गए। वहां हमें 18 दिसंबर 2019 को री-ट्वीट वीडियो मिला। 52 सेकंड के इस वीडियो में हमें वही लोग दिखे, जो वायरल तस्‍वीर में मौजूद थे। इन्‍होंने एक बैनर पकड़ा हुआ था। इस पर सीएए को सपोर्ट करने की बात लिखी गई थी। यह आप नीचे देख सकते हैं। वीडियो को आप यहां भी देख सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने एबीवीपी के गुजरात के स्‍टेट सेक्रेटरी निखिल मेथिया से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि जिस तस्‍वीर को छेड़छाड़ करके वायरल किया जा रहा है, वह अहमदाबाद की है। 18 दिसंबर 2019 को हमने साबरमती आश्रम पर सीएए के सपोर्ट में एक रैली निकाली थी। तस्‍वीर उसी दौरान की है।

अंत में हमने राजीव त्‍यागी नाम के फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर पायलट रह चुके हैं। इनके अकाउंट को 81 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि एबीवीपी की ओर से सीएए का विरोध करने की पोस्‍ट फर्जी है। एबीवीपी की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग छेड़छाड़ करके गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। ओरिजनल तस्‍वीर में एबीवीपी के कार्यकर्ता सीएए को सपोर्ट कर रहे थे।

False
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