Fact Check : कपूरथला का एक साल पुराना वीडियो अब फर्जी दावे के साथ हुआ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। एक साल पुराने कपूरथला के वीडियो को कुछ लोग आज का बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर एक वीडियो वायरल है। यह एक रैली का वीडियो है। कुछ लोग वीडियो को इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि रेलवे कर्मचारी सात दिन के धरने पर चले गए हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। एक साल पहले कपूरथला में रेल कोच फैक्‍ट्री के प्रदर्शन के वीडियो को अब का बताकर वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘Bol ke Lab azad hai Tere’ ने 21 अगस्‍त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘रेलवे कर्मचारी आज सात दिन से धरने पर।’

फेसबुक पोस्‍ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें हजारों की भीड़ सड़क पर नारे लगाते हुए चलती हुई दिखी। इसके बाद हमने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो गैब्‍स निकाले। इसे फिर रिवर्स इमेज में सर्च किया।

वायरल वीडियो हमें The Tribune के यूटयूब चैनल पर मिला। 9 जुलाई 2019 को अपलोड इस वीडियो के बारे में बताया गया कि कपूरथला में निजीकरण के खिलाफ रेल कोच फैक्‍ट्री के कर्मचारियों ने रैली निकालकर विरोध जताया। पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद हमने गूगल सर्च की मदद ली। अलग-अलग कीवर्ड से हमने कपूरथला से जुड़ी खबर सर्च करना शुरू किया। हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट jagran.com पर एक खबर मिली। पांच जुलाई 2019 को पब्लिश खबर में बताया गया कि रेल डिब्बा कारखाने के निगमीकरण और निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों और उनके परिजनों ने रैली निकाली। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरसीएफ बचाओ संघर्ष कमेटी के आह्वान पर समस्त रेडिका कर्मचारियों और उनके परिवारों ने रैली में भाग लिया। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

अब हमने वीडियो को लेकर हमारे पंजाबी जागरण के सहयोगी कपूरथला जिला इंचार्ज सुखपाल सिंह से फोन पर बात की। सुखपाल ने हमें बताया, “यह वीडियो एक साल से भी ज़्यादा पुराना है, जब कपूरथला रेलवे कोच फैक्ट्री के निजीकरण को लेकर वहां काम करने वाले वर्करों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन में हजारों की गिनती में लोग शामिल हुए थे।”

अब बारी थी उस यूजर की जांच करने की, जो एक साल पुराने प्रदर्शन के वीडियो को अब का बताकर वायरल कर रहा है। हमें पता चला कि फेसबुक पेज ‘Bol ke Lab azad hai Tere’ को 14 दिसंबर 2018 को बनाया गया था। इसे 18 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। एक साल पुराने कपूरथला के वीडियो को कुछ लोग आज का बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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