Fact Check: ओलंपिक में भारत को मिले पहले पदक के लिए मोदी को श्रेय दिए जाने के दावे के साथ वायरल तस्वीर एडिटेड है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जापान के टोक्यो में चल रहे ओलंपिक के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में एक हिंदी न्यूज चैनल के प्रोमो प्लेट को देखा जा सकता है। प्रोमो में भारत के पहले पदक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि हिंदी न्यूज चैनल ने ऐसा करते हुए शो को प्रसारित किया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा प्रोमो प्लेट एडिटेड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से बनाकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Priyamwada’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”If only Hiking boot licking was an Olympic sport nobody could have beaten @aajtak.”

https://twitter.com/PriaINC/status/1419221964993056778

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फेसबुक यूजर ‘Devendra Upadhyay’ ने भी समान तस्वीर को अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है।

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई खबरें मिली, जिसमें भारत के टोक्यो ओलंपिक में पहला पदक जीतने की सूचना थी। ओलंपिक खेलों की शुरुआत के दूसरे दिन ही भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने देश को पहला पदक दिलाया। उनकी इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई भी दी थी।

उन्होंने अपने इस ट्वीट में जीत के लिए मीराबाई चानू को बधाई देते हुए कहा कि उनकी सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। इसके बाद हमने वायरल हो रहे प्रोमो प्लेट की सच्चाई जानने के लिए ‘आज तक’ के फेसबुक और ट्विटर पर वेरिफाइड सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला, लेकिन हमें ऐसे किसी कार्यक्रम या प्रोमो के बारे में कुछ भी नहीं मिला।

इसके बाद हमने गूगल रिवर्स सर्च की मदद ली। सर्च में हमें 9 जुलाई 2019 को आज तक के वेरिफाइड फेसबुक हैंडल से किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें उनके कार्यक्रम खबरदार के प्रोमो की तस्वीर को साझा किया गया था।


9 जुलाई 2019 को आज तक के वेरिफाइड फेसबुक हैंडल से साझा किए गए प्रोमो की तस्वीर, जिसे एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है

प्रोमो की तस्वीर और वायरल हो रही तस्वीर को देखने पर साफ पता चलता है कि 9 जुलाई 2019 को विश्व कप पर किए गए कार्यक्रम के प्रोमो को एडिट कर ओलंपिक से जोड़कर वायरल किया गया है।

वायरल हो रहे प्रोमो को इतनी सफाई से एडिट किया गया है कि इसमें हमें फॉन्ट या वर्तनी की भी कोई अशुद्धियां नहीं नजर आई, जैसा कि आम तौर पर किसी एडिटेड तस्वीर में होता है।

वायरल हो रही तस्वीर को लेकर हमने आज तक के न्यूज रूम में काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है और ऐसे किसी कार्यक्रम का प्रसारण नहीं किया गया है।’

वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर को सोशल मीडिया पर करीब 25 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: टोक्यो ओलंपिक में भारत के पहले पदक की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड और फर्जी है। हिंदी न्यूज चैनल आज तक के पुराने प्रोमो की तस्वीर को एडिट कर उसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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