Fact Check: गंगा के किनारे मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो बांग्लादेश का है

गंगा नदी के किनारे मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो बांग्लादेश का है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मुस्लिम समुदाय के लोगों को पानी में खड़े होकर नमाज पढ़ते हुए देखा और सुना जा सकता है। सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किए जा रहे इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है मुस्लिम समुदाय के लोगों ने साजिश के तहत गंगा नदी के किनारे नमाज पढ़ना शुरू किया है ताकि वह इसके आस-पास के इलाकों पर कब्जा कर सकें।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया जा रहा दावा फर्जी निकला। बांग्लादेश के वीडियो को सांप्रदायिक नजरिए के साथ भारत का बताकर वायरल किया जा रहा है। वास्तव में यह वीडियो बांग्लादेश के खुलना में हुई नमाज का है, जब चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया था। इसी वजह से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पानी में खड़े होकर ही ईद की नमाज अदा की थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Sumit Gupta’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”#BindasBol*यह मुस्लिमों की एक योजना है कि एकान्त स्थान पर गंगा नदी में अज़ान लगा कर कब्जा किया जाये। इनकी योजना के अनुसार गंगा नदी के किनारे किनारे पर अस्थाई निवास बनाये जाय बाद में यह स्थाई निवास में परिवर्तन कर दिया जायेगा। क्योंकि विश्व की अगली लड़ाई पानी के लिए होनी है।”

फेसबुक यूजर ‘सुशील गोरेचा’ ने भी वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल हो रहे वीडियो में साफ तौर पर लोगों को नमाज अदा करते हुए देखा और सुना जा सकता है। इन विड टूल की मदद से मिले की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह बांग्लादेशी न्यूज चैनल ‘Independent Television’ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।

25 मई 2020 को अपलोड किए गए इस वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘खुलना के कोइरा इलाके में कई जगह लोग ईद के दिन एकत्रित नहीं हो पाए। इसकी वजह चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से हुआ नुकसान था। कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं और कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों ने पानी में ही खड़े होकर नमाज अदा की।’

इन की-वर्ड्स के साथ हमने न्यूज सर्च किया और इस दौरान हमें कई न्यूज आर्टिकल मिले, जिसमें हमें इस बारे में जानकारी मिली और उन रिपोर्ट्स में वायरल हो रहे वीडियो के स्क्रीनशॉट को भी देखा जा सकता है।

bangla.dhakatribune.com की वेबसाइट पर 26 मई 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बांग्लादेश के खुलना इलाके में कई जगह स्थानीय लोगों ने पानी में खड़े होकर ईद की नमाज अदा की।’


bangla.dhakatribune.com की वेबसाइट पर 26 मई 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी तस्वीर

हमने यह तस्वीर बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और रोहिंग्या मसलों जैसे कई मुद्दों पर ग्राउंड रिपोर्ट करने वाले पत्रकार अभिषेक रंजन सिंह को दिखाई। उन्होंने बताया, ‘यह पुरानी घटना है, जब चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से भारत, बांग्लादेश और भूटान जैसे देश में काफी नुकसान हुआ था। बांग्लादेश के कई इलाकों में पानी भरा हुआ था और ईद के दौरान लोगों ने पानी में खड़े होकर नमाज अदा की थी।’

यानी भारत में मुस्लिमों के गंगा नदी के किनारे खड़े होकर नमाज अदा करने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो बांग्लादेश का है, जब चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण वहां के कई इलाकों में पानी भर गया था और इस दौरान कुछ इलाकों में मुस्लिमों ने उसी पानी में खड़े होकर ईद की नमाज अदा की थी। इसी वीडियो को भारत में सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को महाराष्ट्र के पुणे का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: भारत में गंगा नदी के किनारे मुस्लिमों के नमाज पढ़े जाने के सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो पुराना और बांग्लादेश का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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