Fact Check: स्कूल में प्रार्थना के समय अजान का यह वीडियो झारखंड का नहीं, असम का है

झारखंड के स्कूल में अजान पढ़ाए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में असम के जोरहाट स्थित एक स्कूल का है, जिसे भ्रामक दावे के साथ झारखंड में हुए हालिया स्कूली विवाद से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। झारखंड में स्कूली प्रार्थना विवाद के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में यूनिफॉर्म पहने बच्चों को एक विद्यालय के प्रांगण में अजान (इस्लामी प्रार्थना) करते हुए देखा और सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो झारखंड के किसी स्कूल का है, जहां हिंदू बच्चों को भी जबरन अजान पढ़ाया जा रहा है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो असम के जोरहाट स्थित एक स्कूल का है, जिसे झारखंड के नाम पर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

ट्विटर यूजर ‘Omkar Mahakaal’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए इसे झारखंड के किसी स्कूल का बताया है।

https://twitter.com/OMahakaaleshwar/status/1545469774066372609

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर assam.news18.com की वेबसाइट पर छह जून 2022 को प्रकाशित खबर मिली, जिसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर वायरल वीडियो के फ्रेम से मेल खाती है।

assam.news18.com की वेबसाइट पर छह जून 2022 को प्रकाशित खबर

दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘असम के पूर्वी जोरहाट शिक्षा क्षेत्र के मरियानी स्थित हेमलाई ज्ञान बिकास प्राथमिक विद्यालय में एक प्रार्थना सभा में कक्षा पांच के छात्र द्वारा अजान पढ़ाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।’ ‘News & only News’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर भी यह वीडियो मिला, जिसे चार जून 2022 को अपलोड किया गया है।

यह वीडियो असम के मरियानी स्थित ज्ञान विकास प्राथमिक विद्यालय का है, जहां सुबह में छात्रों को अजान पढ़ाया गया। असम के स्थानीय टीवी चैनल टाइम 8 ने भी इस मामले से संबंधित वीडियो को अपलोड किया है, जिसमें स्कूल के टीचर द्वारा इस मामले को लेकर दिया गया स्पष्टीकरण भी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मामला सामने आने के बाद जोरहाट की जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के प्रधानाचार्य के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, जिलाधिकारी अशोक कुमार बर्मन ने जांच को लेकर संबंधित स्कूल का दौरा किया। उन्होंने कहा, ‘शिक्षकों ने हमें बताया कि अजान को गाया जाना पहले से निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। क्विच, गीत और प्रार्थना जैसे कार्यक्रमों का आयोजन गणोत्सव के दौरान किया जाता है।’

रिपोर्ट में स्कूल के एक शिक्षक के हवाले से बताया गया है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि छात्र सुबह की सभा के दौरान के दौरान अजान गा देगा। उन्होंने कहा, ‘छात्र अचानक से सभा या एसेंबली के समक्ष आया और अजान गाने लगा। वह कुछ करना चाहता था लेकिन शिक्षकों को इस बारे में बिलकुल भी भान नहीं था कि वह अजान गाने लगेगा।’

टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट

स्पष्ट है कि अजान देने की प्रक्रिया स्कूल के किसी भी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल में अजान की यह घटना नियमित तो नहीं है, इसके बारे में भी जांच की जा रही है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के धनबाद के प्रभारी दीपक पांडेय ने पुष्टि करते हुए बताया, ‘वायरल हो रहा वीडियो झारखंड के जामताड़ा का नहीं है।’ साथ ही उन्होंने जामताड़ा स्थित विद्यालय के वीडियो को भी शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। दोनों ही वीडियो बिल्कुल अलग-अलग हैं।

स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो झारखंड का नहीं है, जहां हाल ही में एक विद्यालय में बच्चों ने हाथ जोड़कर प्रार्थना करने की बजाए हाथ बांधकर प्रार्थना किया। इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन के मुताबिक, ‘झारखंड के गढ़वा स्थित मुस्लिम समुदाय के दबाव में हाथ जोड़कर प्रार्थना पद्धति को ही बदलने का आरोप है। पिछले कई साल से बच्चे हाथ बांधकर स्कूल में प्रार्थना कर रहे थे, प्रार्थना पद्धति बदले जाने की खबर मीडिया में आने के बाद से हड़कंप मच गया। मामले की जांच भी की गई है।’

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर 100 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: झारखंड के स्कूल में अजान पढ़ाए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में असम के जोरहाट स्थित एक स्कूल का है, जिसे भ्रामक दावे के साथ झारखंड में हुए हालिया स्कूली विवाद से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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