Fact Check: कर्नाटक के मैसूर में मंदिर को गिराए जाने का वीडियो तमिलनाडु के नाम पर भ्रामक दावे से वायरल

कर्नाटक के मैसूर जिले में जिले में मंदिर को गिराए जाने के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ तमिलनाडु के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में क्रेन की मदद से एक मंदिर को ढहाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु की सरकार के आदेश पर राज्य में मौजूद एक और हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो तमिलनाडु का नहीं बल्कि कर्नाटक के मैसूर का है, जहां अतिक्रमण हटाए जाने के अभियान के तहत स्थानीय अधिकारियों ने मंदिर को ढहा दिया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Bhaswar Das’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”Another Hindu temple has destroyed in the Taliban ruled Tamil Nadu. As usual no outrage. Keep sleeping & see the great fall.” (तमिलनाडु के तालिबानी शासन में एक और हिंदू मंदिर को गिराया गया। कोई हंगामा नहीं। सोते रहिए और ऐसे ही मंदिरों को गिरते देखते रहिए।)

ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस वीडियो समान दावे के साथ तमिलनाडु का बताते हुए शेयर किया है।

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

‘Temple Demolition’ कीवर्ड से सर्च करने पर हमें इंडिया टुडे के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर 15 सितंबर 2021 को अपलोड किया गया वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें वायरल हो रहे वीडियो के दृश्य को देखा जा सकता है।

दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘कर्नाटक के मैसूर में धार्मिक ढांचे को गिराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह मंदिरों को गिराने के मामले में जल्दबाजी न दिखाएं।’ 13 सितंबर को कन्नड़ भाषी न्यूज चैनल साक्षी टीवी के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन में भी इस वीडियो को देखा जा सकता है।

एनडीटीवी इंडिया की खबर के मुताबिक, ‘कर्नाटक में मैसूर के पास बने एक मंदिर को प्रशासन ने तोड़ दिया है, जिसे लेकर हंगामा हो गया है। राज्य में बीजेपी की सरकार के बावजूद वीएचपी और दूसरे दक्षिणपंथी संगठन सड़क पर उतर आए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर गैर-कानूनी तरीके से बने सभी धार्मिक स्थलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है।’

17 सितंबर 2021 को प्रकाशित एनडीटीवी की खबर के मुताबिक मैसूर में मंदिर को गिराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हो गई है।

राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में बीजेपी सासंद तेजस्वी सूर्या और प्रताप सिम्हा को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी इस मंदिर विध्वंस के इस वीडियो को अपने वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल से साझा करते हुए सरकार के फैसले की आलोचना की है। दी गई जानकारी के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने मैसूर जिले के नंजानुगुडु में मंदिर को गिरा दिया।

हमने इस मामले को लेकर एनडीटीवी के बेंगलुरू संवाददाता निहाल किदवई से संपर्क किया। उन्होंने इस घटना के मैसूर जिले से संबंधित होने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया, जिसके तहत वर्ष 2009 के बाद बने सभी अवैध धार्मिक ढांचे को गिराया या हटाया जाना है।’

कई न्यूज रिपोर्ट्स से इसकी पुष्टि होती है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इसी साल 1 जुलाई को राज्य के मुख्य सचिव पी. रवि कुमार ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर कहा था कि कर्नाटक में सार्वजनिक जगहों पर 6,395 ऐसी धार्मिक संरचनाएं हैं जो अवैध रूप से बनीं हैं। 29 सितंबर 2009 को इनकी संख्या 5,688 थी। उन्होंने लिखा था कि 12 साल में सरकार सिर्फ 2,887 संरचनाओं को ही ढहा पाई है या उसे दूसरी जगह स्थानांतरित कर पाई है या उसे रेगुलेट कर पाई है। सरकार के मुताबिक, दक्षिण कन्नड़ जिले में सबसे ज्यादा 1,579 धार्मिक संरचनाएं अवैध हैं। उसके बाद शिवमोगा में 740, बेलगावी में 612, कोलार में 397, बागलकोट में 352, धारवाड़ में 324, मैसूर में 315 और कोप्पल में 306 हैं।’

हमारी पड़ताल से यह बात साबित होती है कि वायरल हो रहा वीडियो, जिसमें मंदिर को गिराते हुए देखा जा सकता है, कर्नाटक के मैसूर जिले का है, न कि तमिलनाडु का। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को फेसबुक पर करीब एक हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: कर्नाटक के मैसूर जिले में जिले में मंदिर को गिराए जाने के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ तमिलनाडु के नाम पर वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडिया मैसूर जिले के नंजानुगुडु का है, जहां स्थानीय अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाए जाने के अभियान के तहत मंदिर को गिरा दिया।

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