Fact Check: UP के बदायूं में रंगदारी वसूलने के मामले में गो रक्षा संघर्ष समिति के महंत की गिरफ्तारी का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र में गोवंश के नाम पर रंगदारी वसूलने के मामले में गो रक्षा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे की घटना के वीडियो को राजस्थान का बताकर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: UP के बदायूं में रंगदारी वसूलने के मामले में गो रक्षा संघर्ष समिति के महंत की गिरफ्तारी का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक पुलिसकर्मी को साधु की वेशभूषा वाले व्यक्ति के साथ देखा जा सकता है, जिनके हाथ में हथकड़ी लगी हुई है। वायरल वीडियो को राजस्थान का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम महंत गरीबदास है और गो तस्करों का विरोध करने की वजह से राज्य की पुलिस ने उन्हें झूठे मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक और गुमराह करने वाला साबित हुआ। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम महंत गरीबदास ही है, लेकिन उनके साथ तीन अन्य व्यक्तियों को गोवंश की चोरी का गलत आरोप लगाकर रंगदारी वसूलने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह घटना राजस्थान का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बदायूं का है, जहां इन लोगों को गिरफ्तार किया गया।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Haripal Singh Nauhwar’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”राजस्थान में एक संत ने गौ तस्करों के खिलाफ अभियान छोड़ा गौ तस्करों ने उनके ऊपर ही वसूली का केस करवा दिया यहां तक तो ठीक था यह जांच का विषय है की कौन सही कौन गलत लेकिन 80 साल के बुजुर्ग हिंदू संत को इस तरह से हथकड़ी पहनाकर लाना क्या उचित है ??? क्या यह पुलिसकर्मी में इतनी हिम्मत होगी कि वह किसी मौलवी को यू हथकड़ी डाल कर लाएगा ?? दरअसल जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री है तब हिंदुओं का ऐसे ही अपमान होगा।”

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

सर्च में हमें यह वीडियो कई अन्य यूजर्स की प्रोफाइल पर लगा मिला। एक यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इसे उघैती पुलिस की कार्रवाई बताया है। उन्होंने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि गिरफ्तार व्यक्ति का नाम महंत बाबा गरीबदास है।

इस की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें livehindustan.com की वेबसाइट पर एक सितंबर 2021 को ‘गो रक्षा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष सहित तीन पर मुकदमा’ हेडलाइन से प्रकाशित खबर मिली।

लाइव हिंदुस्तान डॉट कॉम की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर

रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के ‘ईखखेड़ा गांव के खेतिहर इलाके में गोवंश को लेकर जा रहे राजस्थानी चरवाहों को रोकना गो रक्षा संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष सहित तीन लोगों को महंगा पड़ गया। गांव के प्रधान सहित एक दर्जन लोगों की सामूहिक तहरीर पर पुलिस ने अवैध वसूली के आरोप में तीनों के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया है। गांव खंडवा निवासी गरीबदास एवं गोपालपुर निवासी ओम प्रकाश एवं सत्यपाल पर गांव ईखखेड़ा निवासी प्रधान रमेश धनगर सत्यवीर राकेश कुमार जयदेव रामेश्वर सूर्य प्रकाश एवं मदन पाल द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप है, सोमवार की रात करीब नो बजे राजस्थान के चरवाहे गोवंश एवं गधों को लेकर खेतिहर इलाके के रास्ते जा रहे थे। तभी अचानक बाबा गरीबदास ओम प्रकाश एवं सत्यपाल मौके पर आ गए।’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इन तीनों लोगों ने राजस्थानी चरवाहों से गोवंश को इलाके से निकालने के नाम पर पांच हजार की मांग की। रकम न मिलने के बाद थाना पुलिस से डायल 112 की पुलिस टीम को भी मौके पर बुला लिया। पुलिस ने रात में किसी तरह से मामले को रफा-दफा कर दिया। सुबह होने पर गांव के प्रधान सहित दर्जन भर लोग थाने पहुंचे एवं पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की।’

संबंधित जानकारी की पुष्टि के लिए हमने फिर से न्यूज सर्च किया। दैनिक जागरण के एक सितंबर के बदायूं संस्करण में प्रकाशित खबर में हमें इस घटना के बारे में जानकारी मिली।

दैनिक जागरण के बदायूं संस्करण में एक सितंबर को प्रकाशित खबर

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गांव ईखखेड़ा के समीप सोमवार रात नौ बजे राजस्थान के बंजारे दर्जनभर से अधिक गोवंशों के साथ ठहरे थे। इस बीच गांव खंडवा के महंत बाबा गरीबदास, सत्यपाल और ओमप्रकाश ने उन्हें घेर लिया। गोवंश का चोरी का आरोप लगाते हुए गोसेवा से जुड़े लोगों को बुलवाकर पुलिसिया कार्रवाई के लिए धमकाया। इस दौरान शोर-शराबा होने पर आस-पास के लोग वहां जमा हो गए। मामले की जानकारी मिलने पर ईंखखेड़ा गांव के ग्राम प्रधान रमेशन धनगर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बंजारों की बात सुनी तो पता चला कि महंत समेत तीन लोग उनसे पांच हजार की रंगदारी वसूलते हुए गोवंश की चोरी का झूठा आरोप लगा रहे थे। पुलिस की जांच में बंजारों के आरोप सही पाए गए। इस पुलिस ने ग्राम प्रधान की तहरीर पर महंत समेत तीन के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कर लिया।’

हमारी पड़ताल से यह साफ है कि वायरल हो रहा वीडियो राजस्थान से नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में बदायूं में हुई घटना से संबंधित है और इस मामले में पुलिस ने रंगदारी के मामले में महंत समेत तीन व्यक्तियों पर मुकदमा किया है। इस खबर की पुष्टि के लिए विश्वास न्यूज ने उघैती थाना के पुलिस अधिकारी वीरेंद्र सिंह राणा से संपर्क किया। उन्होंने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि महंत समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ ग्राम प्रधान समेत अन्य लोगों की तहरीर पर रंगदारी का मामला दर्ज किया गया है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के बदायूं ब्यूरो चीफ कमलेश शर्मा ने भी इस मामले की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो इसी घटना से संबंधित है।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को जयपुर का रहने वाला बताया है। उनकी प्रोफाइल को फेसबुक पर करीब 1400 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के उघैती थाना क्षेत्र में गोवंश के नाम पर रंगदारी वसूलने के मामले में गोरक्षा संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमे की घटना के वीडियो को राजस्थान का बताकर वायरल किया जा रहा है।

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