Fact Check: कोलकाता के कारोबारी पर ED की रेड का वीडियो PFI के नाम से भ्रामक दावे से वायरल

गेमिंग एप्लिकेशन से जुड़ी जांच के मामले में कोलकाता के एक कारोबारी के घर पर पड़े ईडी के छापे और बरामद हुए रुपये के वीडियो को प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के केरल ऑफिस से बरामद हुई रकम का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को बैन किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में रुपये के बंडलों को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो केरल में पीएफआई के दफ्तर से जब्त किए गए 2000 करोड़ रुपये के मामले से संबंधित है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो कहीं से भी पीएफआई या उससे खिलाफ हुई कार्रवाई से संबंधित नहीं है। वास्तव में यह वीडियो कोलकाता के एक कारोबारी के घर पर पड़े ईडी के छापे से संबंधित है, जहां करीब 17 करोड़ रुपये कैश में बरामद किया गया था। इसी वीडियो को पीएफआई को जोड़कर भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Umesh Khandelwal’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”केरल में आतंकी संगठन PFI के ऑफिस से मिला 2000 करोड़ रुपया।👆👆👆
ये रुपया भारत में आतंक फैलाने और हिंदुओ का नरसंहार करने के लिए एकत्र किया गया था।
अगर देश में मोदी सरकार नही होती तो हमें पता भी नहीं चलता। क्योंकि बीजेपी के अतिरिक्त जितनी भी पार्टियां हैं, सब इस आतंकी संगठन को सपोर्ट करते हैं। अब समझ मे आया सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी 🌹आँखे खोलो हिंदुओ।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो में कुछ लोगों को नोटों के बंडल को रुपये गिनने वाली मशीन से उसे गिनते हुए देखा जा सकता है। वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर ‘ANI Digital’ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 11 सितंबर 2022 को ट्वीट किया हुआ वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो से मेल खाता है।

ट्वीट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक यह वीडियो कोलकाता में एक कराबोरी के घर पर पड़े ईडी के छापे का है, जिसमें 17 करोड़ रुपये बरामद हुए थे और बरामद हुए नोटों को गिनने में 16 घंटे और 8 मशीन की मदद लेनी पड़ी थी।

कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स से भी इसकी पुष्टि होती है। 10 सितंबर 2022 को ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशंस से जुड़ी जांच के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता के एक कारोबारी के घर पर छापा मारा था, जिसमें कुल 17 करोड़ रुपये बरामद हुए थे।

ईटी की 10 सितंबर 2022 की रिपोर्ट

ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत कोलकाता में कुल छह ठिकानों पर छापेमारी की थी। वायरल वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया किया कि यह वीडियो गेमिंग एप्लिकेशंस से जुड़ी जांच के मामले में कोलकाता के कारोबारी के घर पर ईडी के छापे से संबंधित है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की थी।

पीएफआई पर बैन लगाए जाने की घोषणा के साथ जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति

अनलॉफुल एक्टीविटीज (प्रिवेंशन एक्ट), 1967 के तहत पीएफआई के साथ इससे संबद्ध अन्य संगठनों ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इससे पहले सोशल मीडिया पर यह वीडियो अन्य असंबंधित और भ्रामक दावे के साथ भी वायरल हो चुका है, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्य को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।

निष्कर्ष: गेमिंग एप्लिकेशन से जुड़ी जांच के मामले में कोलकाता के एक कारोबारी के घर पर पड़े ईडी के छापे और बरामद हुए रुपये के वीडियो को प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के केरल ऑफिस से बरामद हुई रकम का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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