Fact Check: तालिबानियों के युद्धक हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में लेकर उसे उड़ाने की कोशिश करने के दावे के साथ वायरल वीडियो त्रिपोली का है

अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद तालिबानियों के युद्धक हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में लेकर उसे उड़ाने की कोशिश करने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो लीबिया के त्रिपोली का है, जिसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक युद्धक हेलिकॉप्टर को किसी वाहन की मदद से खींचते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा है कि अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद तालिबानी युद्धक हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में लेकर उसे उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो युद्धग्रस्त लीबिया में पकड़े गए रूसी हेलिकॉप्टर का है, जिसे अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘भदोही वाले गुप्ता जी’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”तालिबान के हाथ अमेरिका का खजाना लग गया है और तालिबानी उसका वही हाल कर रहे हैं जैसे बंदर के हाथ मलमल का कपड़ा आने पर होता है…ब्लैकहॉक और अपाचे जैसे महंगे हेलीकॉप्टर तालिबानियों के हाथ लग गए हैं और यह @#$$#@ तालिबानी उन्हें सड़क पर दौड़ा कर मौज मस्ती कर रहे हैं…फिर भी कई मूर्ख आज भी विश्वास कर लेते हैं की इन जाहिलो के पूर्वजों ने ताजमहल और लाल किला बनवाए थे…।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/Panditkk0077/status/1432631062014803968

पड़ताल

वायरल हो रहे वीडियो में एक युद्धक हेलिकॉप्टर को किसी गाड़ी से खींचते हुए देखा जा सकता है। इनविड टूल की मदद से मिले की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें रूसी भाषा की वेबसाइट piter.tv की वेबसाइट पर पांच जून 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल हो रहे वीडियो के स्क्रीनशॉट को देखा जा सकता है।


रूसी भाषा की वेबसाइट piter.tv की वेबसाइट पर पांच जून 2020 को प्रकाशित में इस्तेमाल किया गया वायरल वीडियो का स्क्रीन शॉट

रिपोर्ट के मुताबिक, लीबियाई सरकार ने रूसी Mi-35 हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में ले लिया है। यह हेलिकॉप्टर पहले लीबियाई नैशनल आर्मी के पास था, जिसे जीएनए (गवर्नमेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड) ने अपने कब्जे में ले लिया।

सोशल मीडिया सर्च में हमें यह वीडियो ट्विटर यूजर ‘Yakup Ekmen (Eng)’ की प्रोफाइल पर भी मिला, जिसे उन्होंने पांच जून 2020 को शेयर किया है।

यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को तुर्की में रहने वाला पत्रकार बताया है। दी गई जानकारी में उन्होंने बताया है कि जीएनए ने त्रिपोली एयरपोर्ट पर मौजूद Mi-35 हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में ले लिया।

न्यूज सर्च में हमें यह वीडियो तुर्किश भाषा की न्यूज वेबसाइट yeniakit.com.tr पर चार जून 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगा मिला।


तुर्किश भाषा की न्यूज वेबसाइट yeniakit.com.tr पर चार जून 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस्वीतेमाल किया गया वीडियो

इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी उपरोक्त रिपोर्ट से मेल खाती है। गौरतलब है कि 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था और इसके कुछ हफ्तों बाद काबुल स्थित एयरपोर्ट उनके कब्जे में आया था, जब अमेरिकी सुरक्षा बलों का आखिरी जत्था अफगानिस्तान से वापस लौट गया। लॉस एंजेलिस टाइम्स के विदेशी संवाददाता नबीह ने अपने वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल से 31 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अमेरिका के अफगानिस्तान से पूरी तरह वापस जाने के बाद तालिबानियों ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया था और उसके बाद उन्हें वहां मौजूद चिनूक हेलिकॉप्टर्स का जायजा लेते हुए देखा गया था।

हमारी जांच में यह बात साबित हुई कि वायरल हो रहा वीडियो अफगानिस्तान का नहीं, बल्कि लीबिया का है, जिसे तालिबान से जोड़कर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर अक्टूबर 2020 से सक्रिय है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े होने की जानकारी दी है।

निष्कर्ष: अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद तालिबानियों के युद्धक हेलिकॉप्टर को अपने कब्जे में लेकर उसे उड़ाने की कोशिश करने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो लीबिया के त्रिपोली का है, जिसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
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