Fact Check : राहुल गांधी के दरगाह जाने का छह साल पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो इनदिनों तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्‍हें एक सफेद टोपी पहनकर दोनों हाथों से दुआ पढ़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को वायरल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी नमाज पढ़ रहे हैं और मौलाना कह रहे हैं कि मुस्लिमों को हुकूमत चाहिए।

Fact Check : राहुल गांधी के दरगाह जाने का छह साल पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो इनदिनों तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें उन्‍हें सफेद टोपी पहनकर दोनों हाथों से दुआ पढ़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को वायरल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी नमाज पढ़ रहे हैं और मौलाना कह रहे हैं कि मुस्लिमों को हुकूमत चाहिए। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा गुमराह करने वाला साबित हुआ। दरअसल यह वीडियो छह साल पुराना है। उस वक्‍त राहुल गांधी अयोध्‍या के हनुमानगढ़ी मंदिर के साथ अंबेडकर नगर स्थित किछौछा दरगाह शरीफ भी गए थे। उस वक्‍त मौलाना सुहेल अशरफ ने उन्‍हें लोगों के अमन चैन तथा देश की अखंडता और सौहार्द्र के लिए दुआ पढ़ाई थी। अब उसी वीडियो को फर्जी और सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सत्‍यनारायण ठाकुर ने 9 अप्रैल को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “राहुल गांधी नमाज पढ़ते हुए मौलाना कह रहा है रात दिन एक करो, यही वक्त है इस देश पर मुस्लिमों की हुकूमत चाहिए।और यहां कुछ हिंदू राजनीति के लिए इनका साथ दे रहे हैं,इसे नकली हिंदू बनाकर पेश कर रहे हैं। जागो हिन्दू जागो। इन सभी हरकतों को रोकने का इलाज करने में सक्षम है तो वो एक ही नाम है मोदी।”

https://twitter.com/TheAnuragRao/status/1645693616868966401

पोस्‍ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्‍तेमाल किया। वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस और गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल की मदद से खोजना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें एक वीडियो 10 दिसंबर 2016 को अपलोड मिला। इसे छह साल पहले समय लाइव नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया। इसमें बताया गया कि राहुल गांधी ने यूपी के अंबेडकर नगर स्थित मखदूम साहब की मजार पर चादर पेश कर अमन चैन की दुआ मांगी। खबर में आगे बताया गया कि अयोध्‍या में हनुमान गढ़ी के बाद राहुल यहां पहुंचे थे।

गूगल ओपन सर्च के दौरान आजतक की वेबसाइट पर राहुल गांधी के संबंधित दौरे से जुड़ी एक खबर मिली। इसे 10 दिसंबर 2016 को पब्लिश की गई थी। इसमें बताया गया कि राहुल गांधी अयोध्‍या के हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन के बाद अंबेडकर नगर पहुंचे। वहां खाट पंचायत की। फिर किछौछा दरगाह शरीफ पहुंचे। मौलाना सुहेल अशरफ ने उन्‍हें लोगों के अमन चैन तथा देश की अखंडता और सौहार्द के लिए दुआ पढ़ाई। पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस के सोशल मीडिया के नेशनल कोऑर्डिनेटर नितिन अग्रवाल से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो छह साल पुराना है। उस वक्‍त राहुल गांधी यूपी की एक दरगाह में गए थे। वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा पूरी तरह बेबुनियाद है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर सत्‍यनारायण ठाकुर बिहार का रहने वाला है। यूजर के पांच हजार फेसबुक फ्रेंड है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राहुल गांधी का वीडियो छह साल पुराना साबित हुआ। छह साल पहले राहुल गांधी एक दरगाह में गए थे। उसी वक्‍त अमन और चैन के लिए दुआ पढ़ी गई थी। उसी वीडियो को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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