विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी के साथ खड़े शख्स प्रधानमंत्री ली कियांग नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ हैं। साथ ही हमने पड़ताल में यह भी पाया कि राहुल गांधी की यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, साल 2007 की है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चीन में सत्ता परिवर्तन और ली कियांग के नए प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वो ली कियांग के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं, जो कि अक्सर पीएम मोदी के खिलाफ बयान देते हुए नजर आते हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी के साथ खड़े शख्स प्रधानमंत्री ली कियांग नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ हैं। साथ ही हमने पड़ताल में यह भी पाया कि राहुल गांधी की यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, साल 2007 की है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर भगवा की सेविका ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “जिनपिंग के नए प्रधान मंत्री ली क्विंग का सबसे पहला बयान : भारत से मोदी का हटना जरूरी है। वरना चीन कमजोर हो जायेगा। ये ली क्विंग इस प** का पुराना यार है। इस खेल को समझो सनातनियो।”
पोस्ट के आर्काइव को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर रेडिफ न्यूज की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट को 26 अक्टूबर 2007 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, “राहुल गांधी उस समय की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ चीन के दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से एक मुलाकात की थी। ये तस्वीर उसी दौरान की है।”
टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इस मुलाकात को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेज की वेबसाइट पर मिली। दी गई जानकारी के अनुसार, “वायरल तस्वीर 26 अक्टूबर 2007 की है। उस दौरान भारत में कांग्रेस की सरकार थी और सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष थी। वो और राहुल गांधी पांच दिवसीय दौरे के लिए चीन गए थे। इस दौरे के दौरान ही राहुल गांधी ने वहां के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से एक मुलाकात की थी।”
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वेन जियाबाओ के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि वेन जियाबाओ साल 2003 से लेकर साल 2013 तक चीन के प्रधानमंत्री रहे हैं,जबकि ली कियांग मार्च में चीन के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं।
सर्च के दौरान हमें कई ऐसी रिपोर्ट्स मिली, जिनके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ भारत और चीन के संबंधों को बेहतर करने के पक्ष में थे। 15 दिसंबर 2010 को इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने भारत-चीन के संबंधों को लेकर कहा था कि भारत और चीन साझेदार हैं न कि प्रतिद्वंदी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वो भारत और चीन के संबंधों को बेहतर करने के पक्षधर थे।
ली कियांग के नाम से वायरल बयान की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया, लेकिन हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। अगर सच में उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ इतना बड़ा बयान दिया होता तो कोई न कोई मीडिया रिपोर्ट जरूर मौजूद होती।
अधिक जानकारी के लिए हमने कांग्रेस के सेक्रेटरी और मीडिया कोऑर्डिनेटर प्रणव झा से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया।
पड़ताल के अंत में हमने वायरल फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के प्रोफाइल की स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर के 4,644 मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर वृंदावन की रहने वाली हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राहुल गांधी के साथ खड़े शख्स प्रधानमंत्री ली कियांग नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ हैं। साथ ही हमने पड़ताल में यह भी पाया कि राहुल गांधी की यह तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, साल 2007 की है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
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