Fact Check : नरेंद्र मोदी के पुराने वीडियो का एक हिस्‍सा काटकर अब झूठे दावे के साथ किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो एडिटेटेड है। नरेंद्र मोदी के पुराने वीडियो में से कुछ अंश को काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस अधूरे वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि मोदी ने कहा कि देखिए सेना में जो जवान होता है वो युद्ध भूमि में मरने के लिए जाता है। इसके लिए उसको तनख़्वाह मिलती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल की। हमें पता चला कि मोदी के पुराने वीडियो को बीच में से एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Sabil Khan ने 23 जून को पीएम मोदी का वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ‘भक्तों के नाजायज़ …………….. और साहेब की सुनिए “सेना में जो जवान होता है वो युद्ध भूमि में मरने के लिए जाता है इसी का उसको तनख़्वाह मिलती है”, इतनी घटिया सोच भक्तों के नाजायज़ ………….. का ही हो सकता है और इधर कुछ दिन से पुरी भाजपा, गोदी और दोगली मीडिया आदरणीय राहुल जी के पीछे लगी है की सेना का मज़ाक़ उड़ाया राहुल गाँधी ने।

वायरल पोस्‍ट के फेसबुक पोस्ट और आर्काइव लिंक को यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले। इसके बाद इसे गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें 26 नवंबर 2016 को सुरेश कुमार नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो मिला। वीडियो के बारे में बताया गया कि यह नरेंद्र मोदी का पुराना भाषण है। 6:09 मिनट के इस वीडियो में हमें शुरूआत में ही वह पार्ट भी मिला, जिसे काटकर अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

वीडियो में नरेंद्र मोदी कहते हैं : ‘देखिए मित्रों सेना में जो जवान होता है। वह युद्ध की भूमि में मरने के लिए जाता है। इसलिए नहीं कि उसको तनख्वाह मिलती है। उसको तनख्वाह मिलती है, इसलिए वह सेना का जवान युद्ध की भूमि में मरने के लिए तैयार नहीं होता। मरने के लिए इसलिए तैयार होता है, क्‍योंकि वह इस मिट्टी से प्‍यार करता है।’

पूरे वीडियो को आप यहां देख सकते हैं।

https://www.youtube.com/watch?time_continue=7&v=_MnIwx8eHhk&feature=emb_title

इसी वीडियो को पूरा देखने पर पता चला कि इसमें नरेंद्र मोदी 1992 की अपनी कश्‍मीर यात्रा का भी जिक्र कर रहे थे।

पड़ताल के दौरान हमें ऊपर वाले वीडियो का 2:23 मिनट का एक हिस्‍सा YouTube पर मिला। इसे 22 अप्रैल 2012 को अपलोड किया गया था। इसमें मोदी को अपनी कश्‍मीर यात्रा का जिक्र करते हुए देखा जा सकता है। मतलब साफ था कि मोदी के जिस अधूरे वीडियो को अब वायरल किया जा रहा है, इंटरनेट पर 2012 से मौजूद है।

पड़ताल में अंतिम चरण में हमने भाजपा प्रवक्‍ता तेजिंदर पाल सिंह बग्‍गा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि पीएम मोदी के पुराने वीडियो में से कुछ अधूरे अंश को काटकर इस तरह फैलाने का काम केवल कांग्रेस ही कर सकती है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने पीएम मोदी के पुराने और अधूरे वीडियो को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Sabil Khan की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर बिहार के पटना में रहता है। इस अकाउंट को मार्च 2011 को बनाया गया था।

https://www.instagram.com/p/CCFzpl4noFV/

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो एडिटेटेड है। नरेंद्र मोदी के पुराने वीडियो में से कुछ अंश को काटकर गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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