Fact Check : कोरोमंडल एक्‍सप्रेस ट्रेन का एक महीने पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने दावे की जांच की। यह भ्रामक साबित हुआ। वीडियो करीब एक महीने पुराना है। इस वीडियो को बनाने वाले शख्‍स ने भी इस बात की पुष्टि की कि वीडियो एक महीने पुराना है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। ओडिशा में हुए वीभत्‍स रेल हादसे के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक ट्रेन की बोगी में खचाखच लोगों को भरे हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को रेल हादसे से कुछ देर पहले का वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने दावे की जांच की। यह भ्रामक साबित हुआ। वीडियो करीब एक महीने पुराना है। इस वीडियो को बनाने वाले शख्‍स ने भी इस बात की पुष्टि की कि वीडियो एक महीने पुराना है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रविंद्र कुमार यादव ने 4 जून को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “दुर्घटना से कुछ देर पहले की वीडियो है ये जिसको पैसेंजर ने अपने दोस्तों को शेयर किया था। किराया बढ़ाने के बाद ऐसी ‘सुविधा’ दे रही है रेलवे!! भयावह…हे भगवान अब आपका ही सहारा है। इंसान ने तो ऐसे हालात बना दिए है। #TrainMishapInOdisha”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस की मदद से सर्च करना शुरू किया। असली वीडियो हमें 5 मई को अपलोड एक ट्विटर हैंडल पर मिला। सिद्धांत कुमार पांडा नाम के इस यूजर ने अपनी पोस्‍ट में लिखा कि यह स्थिति कोरोमंडल एक्‍सप्रेस के स्‍लीपर कोच की है। इसके साथ उन्‍होंने अपना पीएनआर नंबर लिखते हुए रेल मंत्रालय, रेलमंत्री, आईआरटीसी और आरपीएफ को टैग किया।

ओडिशा के बालासोर जिले के पास में ट्रेन एक्‍सीडेंट में जान-माल की काफी ज्‍यादा हानि हुई। 2 जून को हुए इस भयानक हादसे में 288 लोगों की जान चली गई और हजारों की तादाद में लोग घायल हुए।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए वीडियो को बनाने वाले सिद्धांत कुमार पांडा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यह वीडियो उन्‍होंने 5 मई को बनाया था। उस दौरान वे कोरोमंडल एक्‍सप्रेस ट्रेन से भुवनेश्वर से चेन्‍नई जा रहे थे। कुछ लोग एक महीने पहले पुराने वीडियो को वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर रविंद्र कुमार यादव के अकाउंट की जांच की गई। इसी यूजर ने एक महीने पुराने वीडियो को अभी का बताकर वायरल किया। पता चला कि यूजर कोलकाता में रहता है। यह अकाउंट फरवरी 2023 को बनाया गया। इस अकाउंट को आठ सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। एक महीने पुराने वीडियो को कुछ लोग ओडिशा ट्रेन हादसे से कुछ देर पहले का बताकर भ्रम फैला रहे हैं।

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