Fact Check : 10वीं और 12वीं की परीक्षा के नाम पर वायरल हुआ झूठा मैसेज

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि नवंबर 2020 के ममता सरकार के एक फैसले की खबर को गलत दावे के साथ अब वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश में कोविड की खबरों के बीच इससे जुड़ी फर्जी और भ्रामक खबरों की भी वापसी हो गई है। अब एक न्‍यूज चैनल की क्लिप को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2023 में 10वीं और 12वीं के छात्र बिना परीक्षा के पास होंगे। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। पुरानी खबर को कुछ लोग गलत तरीके से वायरल कर रहे हैं। नवंबर 2020 की ममता सरकार की पुरानी खबर को कुछ लोग अब गलत दावे के साथ वायरल करके भ्रम फैला रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

एक इंस्‍टाग्राम यूजर ने 21 दिसंबर को एक वीडियो क्लिप को पोस्‍ट किया। इसमें एक न्‍यूज क्लिप का भी इस्‍तेमाल किया गया था। इस खबर में लिखा गया था कि ममता सरकार ने कोरोना की वजह से लिया फैसला। 10वीं और 12वीं के छात्र बिना परीक्षा के पास होंगे।

वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। वीडियो में इस्‍तेमाल किए गए शब्‍दों को कीवर्ड बनाकर सर्च किया। 11 नवंबर 2020 को इंडिया डॉट कॉम की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि 2021 की फाइनल परीक्षा में बोर्ड परीक्षा के छात्रों को सीधे उत्‍तीर्ण किया जाएगा। संबंधित खबर को यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए एबीपी न्‍यूज के यूट्यूब चैनल पर संबंधित खबर को खोजना शुरू किया। वायरल क्लिप में चैनल का पुराना लोगो नजर आ रहा है। मतलब साफ था कि यह पुरानी खबर है। सर्च के दौरान एबीपी न्‍यूज के यूट्यूब चैनल पर असली खबर मिली। इसे 11 नवंबर 2020 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बिना परीक्षा के 10वीं और 12वीं के स्‍टूडेंट को प्रमोट करने का निर्णय लिया। पूरी खबर नीचे देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में एबीपी न्‍यूज के वरिष्‍ठ संपादक से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल क्लिप में एबीपी का पुराना लोगो दिख रहा है। यानी यह कोई पुरानी खबर की क्लिपिंग है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, नई दिल्‍ली में एजुकेशन बीट को कवर करने वालीं रिपोर्टर रितिका मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल मैसेज को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि यह फर्जी है। इस साल सभी परीक्षाएं होंगी।

पड़ताल के अंत में ममता सरकार से जुड़ी पुरानी खबर को अब वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि इंस्टाग्राम हैंडल branded_kamina__194 को छह हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि नवंबर 2020 के ममता सरकार के एक फैसले की खबर को गलत दावे के साथ अब वायरल किया जा रहा है। उस वक्‍त कोविड के कारण पश्चिम बंगाल सरकार ने 10वीं और 12वीं के छात्रों को सीधे प्रमोट किया था।

False
Symbols that define nature of fake news
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