सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश के नाम से राम और हनुमान को लेकर वायरल हो रहा बयान फर्जी है। अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें राम और हनुमान को पकड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह काम को पकड़ेंगे। उनके इस बयान को गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से एक बयान वायरल हो रहा है। बयान में कहा गया है कि हमें राम और हनुमान की जरूरत नहीं है और उत्तर प्रदेश में 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा यह बयान फर्जी है और उनके खिलाफ चलाया जा रहा दुष्प्रचार है। अखिलेश यादव के पुराने बयान को संदर्भ से अलग कर राजनीतिक दुष्प्रचार की मंशा के तहत गलत तरीके से सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Sandeep Gupta’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”क्या ये (अखिलेश यादव) 2022 में आ पाएगा?”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब एक हजार से अधिक लोग अखिलेश यादव का वास्तविक बयान मानकर शेयर कर चुके हैं।
बयान की वास्तविकता जानने के लिए हमने न्यूज सर्च का सहारा लिया। न्यूज सर्च में हमें ऐसे कई पुराने आर्टिकल के लिंक्स मिले, जिसमें अखिलेश यादव के उस बयान का जिक्र था, जिसे सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
दैनिक जागरण में 23 फरवरी को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘अखिलेश यादव ने लखनऊ के एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में मुझे अपनी पार्टी की सरकार बनाने के लिए राम और हनुमान पकड़ने की जरूरत नहीं, काम को पकड़ूंगा। अपने काम पर वोट मांगूंगा।’
लखनऊ के एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने यह बयान दिया था, इसलिए हमने एक बार फिर से सर्च का सहारा लिया। सर्च में हमें लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम की वेबसाइट पर खबर मिली, जिसके मुताबिक अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित हिन्दुस्तान शिखर समागम में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मुझे राम और हनुमान को पकड़ने की जरूरत नहीं है, मैं काम को पकड़ूंगा। उन्होंने कहा कि इस बार हम सभी जाति-धर्म को मिलाकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा कि अकेले चुनाव लड़ेंगे, बिना गठबंधन किए एडजस्टमेंट करेंगे।’
सर्च में हमें इस कार्यक्रम का ओरिजिनल वीडियो मिला। 22 फरवरी को ‘लाइव हिन्दुस्तान’ के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में अखिलेश यादव का इंटरव्यू है।
30 मिनट आठ सेकेंड के इंटरव्यू में पूछे गए सवाल (केजरीवाल ने हनुमान को पकड़ लिया, बीजेपी ने राम को पकड़ लिया…..तो आप कृष्ण जी को पकड़ लीजिए…यदुवंशी हैं आप) का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘ सैफई में हमारा जन्म हुआ है और मैंने बुजुर्गों को देखा है कि पहले वह धरती को छूते थे और राम-राम कहकर बुलाते थे। हम काम को पकड़े हैं…एक्सप्रेस-वे बना रहे हैं…ऐसा एक्सप्रेस-वे बनाया है कि उस पर हरक्यूलिस उतार सकते हैं।’
वीडियो इंटरव्यू में कहीं भी अखिलेश यादव ने यह नहीं कहा कि उन्हें ‘राम और हनुमान की जरूरत नहीं है’, बल्कि उन्होंने यह कहा कि हम सभी जाति और धर्म को मिलाकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। मुझे इसके लिए राम और हनुमान को पकड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि मैं काम को पकड़ूंगा।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार का यह पहला मामला नहीं है। अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहे बयान को फर्जी बताते हुए उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और उसके साथ खड़ी ताकतों ने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भाषण, हम जो संदेश चाहें जनता तक पहुंचा सकते हैं, सच्चा या झूठा, को इसी रूप में रट लिया है। आज इनकी राजनीति झूठ पर टिकी है चाहे विकास हो या विकास दुबे। ये झूठ विपक्षी पार्टियों को बदनाम करें न करें, लोकतंत्र को जरूर खोखला करते हैं।’
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश के नाम से राम और हनुमान को लेकर वायरल हो रहा बयान फर्जी है। अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें राम और हनुमान को पकड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह काम को पकड़ेंगे। उनके इस बयान को गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।
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