Quick Fact Check : कश्‍मीर व बांग्‍लादेश की पुरानी तस्‍वीरों के जरिए असम के नाम पर फैलाया गया झूठ

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। कश्‍मीर और बांग्‍लादेश की तस्‍वीरों के जरिए असम के नाम पर झूठ फैलाया गया है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से दो तस्‍वीरों का कोलाज वायरल हो रहा है। इसे वायरल करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि असम के कांग्रेसी नेता अमजात अली को सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ पकड़ा गया है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल दावा झूठा साबित हुआ। हमने पहले भी इन तस्‍वीरों और दावे की पड़ताल की थी। हमें पता चला कि कश्‍मीर और बांग्‍लादेश की तस्‍वीरों के जरिए झूठ फैलाया गया है। पुरानी पड़ताल यहां पढ़ें।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर इंद्रवीर गुप्‍ता ने 17 जून को दो तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘असम के कोंग्रेसी नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ हिरासत में लिया गया। हिंदुओ से भाईचारा निभाने का प्लान था बस हेमंता विश्वाशर्मा की पुलिस ने सब गड़बड़ कर दिया 😷 कांग्रेस का हाथ… आतंकियों के साथ!’

फेसबुक के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। फेसबुक पोस्‍ट का आकाईव्‍ड वर्जन यहां पढ़ें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीरों के साथ किए जा रहे दावों की जांच कर चुका है। हमने वायरल दोनों तस्‍वीरों की सच्‍चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का उपयोग किया। पहली तस्‍वीर, जिसमें एक शख्‍स को पुलिस के शिकंजे में देखा जा सकता है, को गूगल रिवर्स इमेज में जब हमने यह तस्‍वीर सर्च की तो हमें बंगाली में लिखा हुआ एक ब्‍लॉग का लिंक मिला। हमें पता चला कि तस्‍वीर वाले शख्‍स को कई साल पहले बांग्‍लादेश में यौन उत्‍पीड़न के आरोप में अरेस्‍ट किया गया था।

इसी तरह दूसरी तस्‍वीर के बारे में हमें पता चला कि 2018 में श्रीनगर के बाहरी इलाके में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए थे। तस्‍वीर उसी वक्‍त की है। इसका असम से कोई संबंध नहीं है।

पुरानी पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ें।

पड़ताल के अंतिम चरण में हमने उस यूजर के प्रोफाइल की स्‍कैनिंग की, जिसने फर्जी पोस्‍ट को वायरल किया। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर फेसबुक यूजर इंद्रवीर गुप्‍ता दिल्‍ली के रहने वाले हैं। उनके करीब 400 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। कश्‍मीर और बांग्‍लादेश की तस्‍वीरों के जरिए असम के नाम पर झूठ फैलाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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