नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया गया है। दावा किया जा रहा है कि यह चिट्ठी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता राजेश भाटिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखी है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत और दुष्प्रचार साबित हुआ। बीजेपी नेता के नाम से किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ भाषा में लिखी गई चिट्ठी फेक है। बीजेपी के लेटर हेड का इस्तेमाल कर एडिटिंग की मदद से इस फर्जी चिट्ठी को तैयार कर वायरल किया गया, जिसका मकसद पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार करना था।
फेसबुक यूजर ‘Surendra Grover’ ने वायरल हो रही चिट्ठी (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”#सावधान भाजपा के अपने कार्यकर्ताओं को लिखे गए इस पत्र को गौर से पढिये.. किसी भी हद तक जाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को उकसाया जा रहा है, यही नहीं हिंसा तक करवाई जा सकती है किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए.. इस पत्र को इतना फैला दो कि भाजपा को पता चल जाये कि उसकी साज़िश का पूरी जनता को पता चल गया है और कुछ भी हुआ तो भाजपा बदनाम हो जाएगी..।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस लेटर को सही मानते हुए उसे समान दावे के साथ शेयर किया है।
ऐसी कोई भी चिट्ठी अपने आप में एक बड़ी खबर होती, लेकिन सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें ऐसी किसी चिट्ठी का जिक्र हो। हिंदी भाषा में लिखी गई चिट्ठी को ध्यान से देखने पर उसमें ऐसी कई वर्तनी की गलतियां साफ नजर आई, जो इसके फर्जी होने की तरफ इशारा करती है।
इसके बाद हमने राजेश भाटिया के नाम से सोशल मीडिया सर्च किया। ट्विटर पर हमें उनका वेरिफाइड प्रोफाइल मिला। अपनी प्रोफाइल से 17 जनवरी को लिखे पोस्ट में उन्होंने उनके नाम से वायरल हो रही चिट्ठी को फर्जी बताते हुए कहा है कि उन्होंने इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
उन्होंने पुलिस को दी गई शिकायत की प्रति को भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने उनके नाम से जाली चिट्ठी लिखकर उसे साझा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। शिकायत की प्रति में राजेश भाटिया ने खुद को बीजेपी दिल्ली प्रदेश का पूर्व महामंत्री बताया है, जबकि वायरल हो रही चिट्ठी में उन्हें महामंत्री बताया गया है।
इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए हमने दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘वायरल हो रही चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है और इसे बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार के मकसद से तैयार कर फैलाया जा रहा है। इस फर्जी चिट्ठी के सामने आने के बाद राजेश भाटिया ने पुलिस में शिकायत कर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।’
उन्होंने हमें इस मामले में दिल्ली बीजेपी की तरफ से जारी स्पष्टीकरण की प्रति को शेयर किया, जिसे दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार की तरफ से जारी किया गया है।
इसके मुताबिक, ‘दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी इस बात का खंडन करती है कि उनके किसी भी पदाधिकारी या पूर्व पदाधिकारी की तरफ से न तो किसानों और सरकार के बीच चल रही बातचीत पर कोई चिट्ठी लिखी गई है और न ही कार्यकर्ताओं को किसी संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की गई है।’
गौरतलब है कि कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से जारी है। सरकार और किसानों के बीच समाधान को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
बीजेपी नेता के नाम से फर्जी चिट्ठी शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब आठ हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: बीजेपी नेता और पूर्व महासचिव राजेश भाटिया के नाम से किसान आंदोलन को लेकर वायरल हो रही चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है। उनके नाम का इस्तेमाल कर किसान आंदोलन के खिलाफ लिखी गई चिट्ठी को दुष्प्रचार के तहत सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
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