Fact Check: अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर फिर से वायरल हुआ पाकिस्तान का वीडियो

पाकिस्तान के लाहौर में साल 2021 में तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी के देहांत के बाद आयोजित चालीसवें (चेहल्लुम) के वीडियो को दिल्ली में अग्निपथ योजना के खिलाफ सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के विरोध प्रदर्शन का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ के खिलाफ कई राज्यों में हो रहे उग्र विरोध प्रदर्शनों के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक मेट्रो ब्रिज के नीचे बड़ी संख्या में लोगों के हुजूम को नारेबाजी करते हुए देखा और सुना जा सकता है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह नई भर्ती योजना अग्निपथ के खिलाफ युवाओं के विरोध प्रदर्शन से संबंधित है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो पिछले कई हफ्तों से सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावों से वायरल होता रहा है। वास्तव में यह वीडियो पाकिस्तान के लाहौर का है, जो सबसे पहले नूपुर शर्मा विवाद में मुस्लिमों के प्रदर्शन के दावे के साथ वायरल हुआ था। बाद में सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को जयपुर में नमाज बनाम हनुमान चालीसा विवाद से जोड़कर यह बताते हुए वायरल किया कि नमाज के जवाब में जयपुर में बड़ी संख्या में रामभक्तों ने सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया है। अब इस वीडियो को अग्निपथ योजना के खिलाफ दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन का बताकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

इंस्टाग्राम यूजर ‘lakhanchaudhary_123and’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए इसे दिल्ली में सेना की नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं का प्रदर्शन बताया है, जो सेना में नई भर्ती योजना अग्निपथ का विरोध कर रहे हैं।

अग्निपथ योजना के खिलाफ दिल्ली में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दावे के साथ वायरल हो रहे वीडियो का स्क्रीनशॉट

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल हो रहा वीडियो सोशल मीडिया पर पिछले कई हफ्तों से अलग-अलग दावों से शेयर होता रहा है। वास्तव में यह वीडियो पाकिस्तान के लाहौर में साल 2021 में तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी के देहांत के बाद आयोजित चालीसवें (चेहल्लुम) का है। पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल लब्बैक न्यूज (Labbaik News) ने 4 जून 2021 को अपने चैनल पर इसका ओरिजिनल वीडियो अपलोड किया है। लब्बैक न्यूज पर मुख्य रूप से टीएलपी और अल्लामा खादिम हुसैन रिजवी के बारे में ही खबरें चलाई जाती हैं।

मूल वीडियो में भीड़ को धार्मिक नारेबाजी करते हुए सुना जा सकता है, जबकि वायरल वीडियो में बॉलीवुड के गाने को एडिटिंग की मदद से जोड़ा गया है।

जयपुर में रामभक्तों के हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने के दावे के साथ हुआ था वायरल

कुछ दिनों पहले इस वीडियो को जयपुर का बताकर इस दावे के साथ वायरल किया गया था कि खुली जगह में नमाज पढ़े जाने का जवाब देते हुए रामभक्तों ने बीच सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। हमने इस वीडियो की जांच करने के क्रम में पाकिस्तानी न्यूज चैनल न्यूज 24 एचडी के रिपोर्टर मोहम्मद कामरान से संपर्क साधा था। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया था कि यह वीडियो 2021 में पाकिस्तान के लाहौर का है।

विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने इस योजना के तहत की जाने वाली भर्ती की उम्र सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।

निष्कर्ष: पाकिस्तान के लाहौर में साल 2021 में तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख खादिम हुसैन रिजवी के देहांत के बाद आयोजित चालीसवें (चेहल्लुम) के वीडियो को दिल्ली में अग्निपथ योजना के खिलाफ सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के विरोध प्रदर्शन का बताकर गलत दावे से वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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