Fact Check: हरियाणा में किए गए प्रदर्शन की 9 साल पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे के साथ हुई वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में अनिल विज के प्रदर्शन की तस्वीर को लेकर वायरल किया जा रहा दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर साल 2013 में हरियाणा के अंबाला शहर में हुए एक प्रदर्शन के दौरान की है। यह प्रदर्शन तत्कालीन सरकार के द्वारा विकास कार्यों में पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ किया गया था। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस की सरकार में जब पेट्रोल 60 रुपए, डीजल 40 में और गैस सिलेंडर की कीमत 450 हो गई थी, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया था। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर साल 2013 में हरियाणा के अंबाला शहर में हुए एक प्रदर्शन के दौरान की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Neeraj Bharti  ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “60 रुपए के पेट्रोल, 40 के डीजल और 450 के गैस सिलेंडर पर ये क्रांतिकारी अपने कपड़े खोल के नाचते थे लेकिन अब गायब हैं, ये बिल्कुल वैसे ही क्रांतिकारी हैं जैसा इनका वीर सावरकर था।”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। 

पड़ताल –

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वायरल तस्वीर से जुड़ी एक रिपोर्ट india.com की वेबसाइट पर 7 अगस्त 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के प्रदर्शन को आपत्तिजनक बताया था। जिसके जवाब में कांग्रेस नेता राजा अमरिंदर ने अनिल विज की प्रदर्शन की तस्वीर को दिखाते हुए कहा दिया था कि बीजेपी अपने प्रदर्शन को ना भूले।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से संबंधित एक रिपोर्ट दैनिक ट्रिब्यून की वेबसाइट पर 22 सितंबर 2013 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, अनिल विज के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अंबाला छावनी के मुख्य बाजारों से अर्धनग्न होकर रोष मार्च निकाला था। यह प्रदर्शन अंबाला छावनी में विकास कार्यों के पक्षपातपूर्ण रवैये के विरुद्ध किया गया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने अंबाला के चीफ रिपोर्टर दीपक बहल से संपर्क किया। हमने वायरल दावो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। यह प्रदर्शन महंगाई को लेकर नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ किया गया था।

पड़ताल के अंत में पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर Neeraj Bharti के सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के चार हजार चार सौ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यूजर फरवरी 2010 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में अनिल विज के प्रदर्शन की तस्वीर को लेकर वायरल किया जा रहा दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर साल 2013 में हरियाणा के अंबाला शहर में हुए एक प्रदर्शन के दौरान की है। यह प्रदर्शन तत्कालीन सरकार के द्वारा विकास कार्यों में पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ किया गया था। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट