Fact Check: नेताओं के बीच हुई हाथापाई के 8 साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में नेताओं की मारपीट के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। यह वीडियो 2014 का है जिसे हालिया बताते हुए स्वतंत्रता दिवस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ लोग ध्वजारोहण करते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में आगे एक महिला को एक शख्स की पिटाई करते हुए और आसपास के लोगों द्वारा बीचबचाव करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर महिला के साथ छेड़छाड़ करने के बाद कांग्रेस नेता की पिटाई हुई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। यह वीडियो 2014 का है और इसमें दिख रही महिला YSR कांग्रेस नेता सुशीला हैं। वीडियो में जिस शख्स को पीटते हुए देखा जा रहा है, वो तेलंगाना के करीमनगर जिले के YSR कांग्रेस अध्यक्ष भास्कर रेड्डी हैं। पुराने वीडियो को स्वतंत्रता दिवस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ‘दिलीप गहलोत‘ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “तेलंगाना के करीमनगर कांग्रेस कार्यालय में पहले ध्वजारोहण..फिर मुख्य अतिथि की छेड़छाड़ करने पर चप्पल वितरण”

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है। 

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट एनडीटीवी की वेबसाइट पर 15 अगस्त 2014 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के करीमनगर जिले में कांग्रेस पार्टी कार्यालय में झंडा फहराने के समारोह में दो नेता आपस में भिड़ गए।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल पूरा वीडियो मैंगो न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। वीडियो को अगस्त 2014 को शेयर किया गया था। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वाईएसआर कांग्रेस की महिला नेता ने अपनी ही पार्टी के नेता की पिटाई की। अन्य रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

Deccan Chronicle पर भी हमें वायरल वीडियो से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट मिली। 16 अगस्त 2014 को प्रकाशित रिपोर्ट में वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था। पूरी खबर को यहां पढ़ें।

अधिक जानकारी के लिए हमने तेलंगाना के पत्रकार नरेंद्र कुमार से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहींं, तकरीबन आठ साल पुराना है।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को वायरल करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से पता चला की यूजर राजस्थान के बालोतरा का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर को एक हज़ार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में नेताओं की मारपीट के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। यह वीडियो 2014 का है जिसे हालिया बताते हुए स्वतंत्रता दिवस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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