विश्वास न्यूज ने योगी आदित्यनाथ के वायरल वीडियो से जुड़े पोस्ट की जांच की। यह दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो करीब 8 साल पुराना है, जिसे अब नूपुर शर्मा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे नूपुर शर्मा केस से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। वीडियो में सीएम योगी सांप्रदायिकता पर बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे है कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान नूपुर शर्मा के समर्थन में आया है।विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह दावा फर्जी निकला। वायरल वीडियो करीब 8 साल पुराना है, जिसे अब नूपुर शर्मा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर कट्टर हिन्दू ने 13 जून को वायरल वीडियो को शेयर किया है जिस पर लिखा है, “योगी का तगड़ा जवाब नूपुर शर्मा विवाद। सबको कीमत चुकानी पड़ेगी।” वीडियो में सीएम योगी कहते हुए नजर आ रहे हैं, “हिन्दू सांप्रदायिकता नहीं राष्ट्रीयता का प्रतीक है। भारत के राष्ट्रीयता प्रतीक इस हिन्दुत्व को बदनाम करने की कोशिश करोगे तो उसकी कीमत चुकानी होगी।”
इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट एनडीटीवी की वेबसाइट पर 13 अगस्त 2014 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, योगी ने 1984 के सिख दंगों और कश्मीरी पंडितों को लेकर ये बयान संसद में दिया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो बीजेपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 14 अगस्त 2014 को अपलोड मिला। असली वीडियो में 9 मिनट 37 सेकेंड से लेकर 10 मिनट 2 सेकेंड तक वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है। असली वीडियो में योगी सिख दंगों और कश्मीरी पंडितों को लेकर कहते हैं, “हिंदू राष्ट्रीयता का प्रतीक है और अगर हिंदुत्व को बदनाम करोगे तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा सीट से लगातार 5 बार सांसद चुने गए हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमने सीएम योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो साल 2014 का है। जिसे अब सोशल मीडिया पर गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है।
जांच के अंतिम दौर में फेसबुक पेज कट्टर हिंदू की सोशल स्कैनिंग की गई। पता चला कि इस पेज को 3,793 लोग फॉलो करते हैं। यह पेज 5 मई 2022 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने योगी आदित्यनाथ के वायरल वीडियो से जुड़े पोस्ट की जांच की। यह दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो करीब 8 साल पुराना है, जिसे अब नूपुर शर्मा से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
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