उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद कन्हैया लाल के परिवार को राजस्थान सरकार की तरफ से 51 लाख रुपये दिए गए थे। इसके साथ में उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी भी दी गई थी। सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा वायरल हो रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जयपुर में हाल ही में बाइक टकराने के बाद हुए विवाद में एक युवक की हत्या कर दी गई थी। अब उससे जोड़कर एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि जयपुर के रामगंज में आपसी झगड़े में मारे गए इकबाल के परिजनों को 50 लाख सरकारी मुआवजे की घोषणा की गई है, जबकि उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या की गई थी तब 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया था। इस पोस्ट को शेयर कर यूजर्स राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। दरअसल, कन्हैया लाल के परिजनों को राजस्थान सरकार की तरफ से 51 लाख रुपये का चेक दिया गया था। साथ में उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी भी दी गई थी।
फेसबुक यूजर ‘कर्नल आदित्य प्रताप सिंह ,161 संडीला विधानसभा हरदोई‘ (आर्काइव लिंक) ने 3 अक्टूबर को लिखा,
“जयपुर के रामगंज में आपसी झगड़े में मारे गए इकबाल को 50 लाख सरकारी मुआवजे की घोषणा, उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या की गई थी तब 5 लाख का मुआवजा दिया गया था और आज 50 लाख का मुआवजा फर्क साफ है,
यही है कांग्रेस की भेदभाव की नीति”
1 अक्टूबर को ब्लू टिक वाले एक्स यूजर ‘अभिषेक तिवारी’ (आर्काइव लिंक) ने भी समान दावा किया।
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले जयपुर में हुई वारदात के बारे में कीवर्ड से सर्च किया। एबीपी लाइव की वेबसाइट पर 30 सितंबर को छपी खबर के अनुसार, “जयपुर में बाइक टकराने के बाद शुरू हुए विवाद में दो गुटों के बीच मारपीट हो गई। आरोप है कि इस मारपीट में इकबाल की मौत हो गई। इस मामले में सरकार ने 50 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। साथ ही पीड़ित परिवार के सदस्य को संविदा पर नौकरी और डेयरी बूथ देने का भी एलान किया गया है।”
इसके बाद हमने कन्हैया लाल के परिवार को मिले मुआवजे के बारे में सर्च किया। 7 जुलाई 2022 को हिंदी मनी कंट्रोल की वेबसाइट पर इस बारे में खबर छपी है। इसके मुताबिक, “28 जून को उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई थी। 30 जून को सीएम अशोक गहलोत उनके परिवार से मिले। उस दौरान राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को 51 लाख रुपये का चेक दिया गया और दोनों बेटों को नौकरी देने की बात कही गई थी। अब कन्हैया लाल के दोनों बेटों को नौकरी दे दी गई है। इसके लिए नियमों में कुछ बदलाव भी करना पड़ा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद दोनों को नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।”
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी इस बारे में खबर छपी है। 13 जुलाई 2022 को छपी खबर में लिखा है, “कन्हैया लाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में तरुण कुमार को उदयपुर शहर कोष कार्यालय में कनिष्ठ सहायक और यश कुमार को उदयपुर ग्रामीण कोष कार्यालय में कनिष्ठ सहायक के रूप में नियुक्ति मिली है।”
राजस्थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के एक्स हैंडल से भी इस पोस्ट को भ्रामक बताया गया है। 2 अक्टूबर को पोस्ट (आर्काइव लिंक) की गई जानकारी में कहा गया है कि कन्हैया लाल के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के साथ ही दोनों बेटों को नौकरी दी गई थी।
इस बारे में उदयपुर में दैनिक जागरण के प्रतिनिधि सुभाष शर्मा का कहना है, “राज्य सरकार की ओर से कन्हैया लाल के परिजनों को 51 लाख रुपये का चेक दिया गया था। इसके साथ ही उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी गई है।“
अंत में हमने भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। 24 जुलाई 2021 को बने इस पेज के करीब 1 लाख 26 हजार फॉलोअर्स हैं। यह पेज एक राजनीतिक दल से प्रभावित है।
निष्कर्ष: उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद कन्हैया लाल के परिवार को राजस्थान सरकार की तरफ से 51 लाख रुपये दिए गए थे। इसके साथ में उनके दोनों बेटों को सरकारी नौकरी भी दी गई थी। सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा वायरल हो रहा है।
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