Fact Check: उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर 5 साल पुराना सर्वे गलत दावे के साथ हुआ वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हिंदी खबर द्वारा साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कोई सर्वे नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स साल 2016 में किए गए सर्वे को हालिया का बताते हुए शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसी से जुड़ा हिंदी खबर का एक स्क्रीनशॉट इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। स्क्रीनशॉट पर लिखा हुआ है कि 42 फीसदी लोगों की पसंदीदा सीएम उम्मीदवार मायावती है। इस बार बीएसपी सीटों का जादुई आंकड़ा छू सकती है। इस स्क्रीनशॉट को शेयर कर सोशल मीडिया पर यूजर्स दावा कर रहे है कि उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से बीएसपी वापसी करने वाली है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हिंदी खबर द्वारा साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कोई सर्वे नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स साल 2016 में किए गए सर्वे को हालिया का बताते हुए शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर अमरीश कुमार सिंह ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है कि बीएसपी छू सकती है सीटों का जादुई आकड़ा: सर्वे #सर्वजन_हिताय_सर्वजन_सुखाय #22_में_बसपा #बसपा_का_बढ़ता_जनाधार। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर अन्य यूजर्स भी इस दावे को शेयर कर रहे हैं। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल –

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट BSP Hapur नामक फेसबुक अकाउंट पर मिली। पोस्ट को 21 अक्टूबर 2016 को अपलोड किया गया था। पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये सर्वे 2017 के चुनाव को लेकर किया गया था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने हिंदी खबर के फेसबुक पेज को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट 20 अक्टूबर 2016 को अपलोड मिली। पोस्ट के अनुसार, साल 2017 में होने वाले चुनावों के लिए मायावती सबसे पसंदीदा सीएम उम्मीदवार थी और ये सर्वे उसी दौरान का था।

अधिक जानकारी के लिए हमने हिंदी खबर के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। हमारी ओर से ऐसा कोई सर्वे नहीं किया गया है। हमने 2022 को लेकर अभी तक कोई सर्वे नहीं किया है। वायरल दावा साल 2016 का है। डिजिटल टीम की ओर से साल 2016 में ये सर्वे किया गया था, लेकिन चैनल का इससे कोई संबंध नहीं है। यूजर्स साल 2016 के सर्वे को गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर अमरीश कुमार सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं। यूजर का का फेसबुक अकाउंट 2012 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हिंदी खबर द्वारा साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कोई सर्वे नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स साल 2016 में किए गए सर्वे को हालिया का बताते हुए शेयर कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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