विश्वास न्यूज की पड़ताल में आजम खान के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2017 का है। जिसके कुछ हिस्से को काटकर अब गलत दावे के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आजम खान यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, “योगी जी मुगल हमारे आदर्श नहीं है, हमारे आदर्श राम हैं, कृष्ण जी भी हैं।“ इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये बयान आजम खान ने जेल से छूटने के बाद दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2017 का है। जिसे अब गलत दावे के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Amit Kamboj ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “कुछ लोग कहते हैं कि योगी जी ने कुछ नही किया। ये आजम खां 27 महीने जेल में रहकर आया है और जेल से बाहर आते ही इसे अपने आदर्श भगवान राम और भगवान कृष्ण दिखने लगे हैं। योगी जी का अंदाज ही निराला है।”
पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो समाजवादी पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 7 अक्टूबर 2017 को अपलोड मिला। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो साल 2017 में आगरा में हुए एक कार्यक्रम के दौरान की है।
असली वीडियो को पूरा देखने के बाद हमने पाया कि वायरल वीडियो को क्रॉप पर शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो में वो कहते हैं, “कुरान व पैगम्बर ने कहा है कि किसी के मज़हबी पेशवा या किसी भी धर्म के महापुरुषों का अपमान मत कीजिए, क्योंकि अल्लाह ने 1,20,000 पैगम्बर ज़मीन पर भेजे थे और दुनिया में जितने भी महापुरुष थे, हो सकता है वो उनके ज़माने के पैगम्बर रहे हों, अल्लाह के दूत रहे हों। इसलिए योगी जी मुगल हमारे आदर्श नहीं हैं, बल्कि राम और कृष्ण हमारे आदर्श हैं, लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि पैगंबर और ईसा मसीह आपके आदर्श हैं या नहीं। हमें बताइए।” असली वीडियो में 13 मिनट 16 सेकेंड्स से लेकर 16 मिनट 11 सेकेंड तक आजम खान के पूरे बयान को सुना जा सकता है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर 5 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित मिली। यहां पर भी वायरल वीडियो को लेकर यही जानकारी दी गई है।
अधिक जानकारी के लिए हमने आगरा दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर राजीव शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। यह वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना और अधूरा है। समाजवादी पार्टी के दसवें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान आयोजित कार्यक्रम में आजम खान ने ये बयान दिया था।
पड़ताल के अंत में हमने वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला Amit Kamboj के फेसबुक पर 4939 मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर हरियाणा का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में आजम खान के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2017 का है। जिसके कुछ हिस्से को काटकर अब गलत दावे के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
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