विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। पांच साल पुरानी तस्वीर को अब ब्लॉक चुनाव के नाम पर वायरल किया जा रहा है। महिला के साथ मारपीट छेड़छाड़ का विरोध करने के कारण हुई थी। इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल नहीं था।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। यूपी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हिंसा के बाद सोशल मीडिया में खून से लथपथ एक महिला की तस्वीर फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही है। तस्वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि 2016 में मैनपुरी में ब्लॉक प्रमुख चुनाव का नामांकन फॉर्म लेने पर सपा के एक नेता ने इस लड़की की पिटाई कर दी थी। दावा यह भी किया गया कि आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। इससे पहले भी यह तस्वीर दूसरे दावों के साथ वायरल हो चुकी है। मैनपुरी में 2016 में छेड़छाड़ का विरोध करने पर कुछ लोगों ने वायरल तस्वीर में दिख रही महिला की पिटाई कर दी थी।
फेसबुक यूजर राम निवास यादव ने 9 जुलाई को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, ‘ये था समाजवादी पार्टी का गुंडाराज…उस समय up में जंगलराज था. 2016 की ये घटना मैनपुरी ज़िले की है, इसका जुर्म इतना था कि इसने ब्लॉक प्रमुख चुनाव का नामांकन का फ़ार्म ले लिया था भरी सड़क पर एक मामूली से समाजवादी पार्टी नेता ने लड़की को पीटा था और पुलिस तमाशबीन बनी रही थी। राजनीतिक दवाव की बजह से इस गुंडे की गिरफ्तारी नही हुई थी। आज समाजवादी पार्टी किस मुँह से लोकतंत्र की बात करती है…’
फैक्ट चेक के उद्देश्य से इस पोस्ट में लिखी बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट का आर्काइव्ड यहां देखा जा सकता है।
दूसरे यूजर्स भी इसे सच मानकर वायरल कर रहे हैं। इसे यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर कई न्यूज वेबसाइट पर मिली। independent.co.uk की वेबसाइट पर 23 दिसंबर 2006 को एक खबर में इन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया। खबर में बताया गया कि मैनपुरी में छेड़छाड़ का विरोध करने पर कुछ दबंगों ने एक महिला को सरेआम पीटा। महिला के साथ उसका पति और उसकी बेटी भी थी। इस मामले में गिरफ्तारी भी हुई। पूरी खबर यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
इसी तरह जनसत्ता डॉट कॉम पर पब्लिश खबर के अनुसार, मैनपुरी के अरविंद तिवारी अपनी पत्नी वंदना के साथ बाजार में एक दुकान का पता पूछ रहे थे तो एक व्यक्ति ने उनकी पत्नी के साथ अश्लील हरकत कर दी। विरोध करने पर उस व्यक्ति ने अपने एक साथी के साथ मिलकर दोनों पर हमला कर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
जांच के दौरान घटना का वीडियो हमें यूट्यूब पर भी मिला। जी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर 21 दिसंबर 2016 को अपलोड वीडियो में बताया गया कि एक महिला और उसके पति के साथ मारपीट की गई। एक दुकान का पता पूछने पर पहले छेड़छाड़ की गई। जब महिला की ओर से विरोध किया गया तो एक लड़के ने महिला का दुपट्टा खींच दिया। इसके बाद बहस शुरू हो गई। गुस्साए लड़कों ने महिला और उसके पति के साथ मारपीट की।
इस पोस्ट की पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने दैनिक जागरण, मैनपुरी के ब्यूरो चीफ दिलीप शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल तस्वीरें काफी पुरानी है। कई बरस पहले छेड़छाड़ का विरोध करने पर यह घटना हुई थी। इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल नहीं था।
विश्वास न्यूज की पुरानी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्कैनिंग में हमें पता चला कि यूजर राम निवास यादव एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। इनके पेज को तीन लाख से ज्यादा लोग लाइक किए हुए हैं। यूजर यूपी के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। पांच साल पुरानी तस्वीर को अब ब्लॉक चुनाव के नाम पर वायरल किया जा रहा है। महिला के साथ मारपीट छेड़छाड़ का विरोध करने के कारण हुई थी। इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल नहीं था।
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