Fact Check: मल्लिकार्जुन खड़गे का यह वीडियो 2018 का है, हाल का नहीं

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नसीहत देने वाला मल्लिकार्जुन खड़गे का यह वीडियो 2018 का है। इसका हाल-फिलहाल से कोई वास्ता नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस अध्‍यक्ष पद का चुनाव जीतने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे का 8.57 मिनट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं को नसीहत देते हुए दिख रहे हैं। इसे शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे का यह वीडियो कांग्रेस अध्‍यक्ष पद का चुनाव जीतने बाद का है।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो करीब चार साल पुराना है। इसका हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को शेयर कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर Ahir ketan vaniya (आकाईव लिंक) ने 22 अक्‍टूबर 2022 को इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,

अध्यक्ष बनते ही खड़गे ने मचा दिया हाहाकार,भाषण सुन हिल गया पूरा देश..!!

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसे ध्‍यान से देखा। इसमें 1.32 मिनट के बाद बैकग्राउंड में लगे बैनर पर ‘भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस, 84वां अधिवेशन 2018’ लिखा हुआ है। मतलब यह हाल का वीडियो नहीं है।

इसके बाद हमने कीवर्ड से इसे तलाश किया। कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर 19 मार्च 2018 को अपलोड किया गया वीडियो मिला। इसमें 16.30 मिनट के बाद वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। वीडियो का टाइटल है, LoP, Lok Sabha Mallikarjun Kharge speech at the 84th Congress Plenary Session 2018।

20 अक्‍टूबर 2022 को जागरण डॉट कॉम में छपी खबर के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर 2022 को चुनाव हुआ था। इसमें खड़गे ने 7897 वोट लेकर शशि थरूर को हराया था। 26 अक्‍टूबर को वह कांग्रेस अध्‍यक्ष पद की कमान संभालेंगे। इस कार्यक्रम में ही उनको प्रमाणपत्र सौंपा जाएगा।

इस बारे में यूपी कांग्रेस प्रवक्‍ता अभिमन्‍यु त्‍यागी का कहना है, ‘वीडियो में साफतौर पर 2018 के अधिवेशन का बैनर देखा जा सकता है। यह वीडियो अभी का नहीं है।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘अहीर केतन वनिया‘ को स्‍कैन किया। 9 जुलाई 2019 को बने इस पेज को करीब 30 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नसीहत देने वाला मल्लिकार्जुन खड़गे का यह वीडियो 2018 का है। इसका हाल-फिलहाल से कोई वास्ता नहीं है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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