Fact Check: मायावती और जयंत चौधरी का 3 साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

विश्वास न्यूज ने जयंत चौधरी के वायरल वीडियो की पड़ताल की और जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 3 साल पुराना है। वायरल वीडियो का हालिया उत्तर प्रदेश चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसी बीच बसपा सुप्रीमों मायावती और जयंत चौधरी की मुलाकात का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चुनाव की स्थिति क्लियर है। उत्तर प्रदेश में सपा हारने वाली है और बसपा की सरकार एक बार फिर से बनने वाली है। इसी के सिलसिले में आरएलडी नेता जयंत चौधरी बसपा सुप्रीमों मायावती से उनके आवास पर मिलने के लिए पहुंचे। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 3 साल पुराना है। दोनों ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव को लेकर मुलाकात की थी। वायरल वीडियो का हालिया उत्तर प्रदेश चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Mangal S Gautam ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि नाव की स्थिति किलयर है, बसपा सुप्रीमों बहन कुमारी मायावती से उनके आवास पर मिलने पहुंचे आरएलडी नेता जयंत चौधरी_ सपा खत्म है, बसपा सरकार बनाने जा रही है_उत्तरप्रदेशमांगेबसपासरकार

यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को जस का तस लिखा गया है। पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। फेसबुक यूजर Niraj Kumar M. Niraj ने भी ऐसी ही पोस्ट के साथ इस दावे को अपने फेसबुक पर शेयर किया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को जमकर शेयर कर रहे हैं।

https://twitter.com/MannuRa20193799/status/1493270292378316806

पड़ताल –

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए InVID टूल का इस्तेमाल किया। वायरल वीडियो के कई ग्रैब्स इसके माध्यम से निकाले गए। इसके बाद इनकी मदद से गूगल रिवर्स सर्च टूल का इस्तेमाल करते हुए ओरिजनल सोर्स तक पहुंचने की कोशिश की गई। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 16 मार्च 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, 3 साल पहले जयंत चौधरी बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात करने के लिए लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित मायावती के आवास पर पहुंचे थे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट ABP News के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 16 मार्च 2019 को अपलोड मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा और रालोद का महागठबंधन हुआ था। इस गठबंधन के बाद पहली बार जयंत चौधरी मायावती से मिलने के लिए पहुंचे थे।

अधिक जानकारी के लिए हमने रालोद के उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता कप्तान सिंह चहाचर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। जयंत चौधरी ने हाल-फिलहाल में मायावती से मुलाकात नहीं की है और न वो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा से गठबंधन करने के लिए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टी हमारी छवि खराब करने के लिए इस तरह की गलत अफवाहें फैला रही है।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Mangal S Gautam के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक पर दो हजार पांच सौ से ज्यादा फ्रेंड्स मौजूद हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जयंत चौधरी के वायरल वीडियो की पड़ताल की और जांच में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 3 साल पुराना है। वायरल वीडियो का हालिया उत्तर प्रदेश चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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