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Fact Check : मोबाइल टावर में आग लगने का तीन साल पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में मोबाइल टावर में आग लगने वाला वीडियो पुराना साबित हुआ। इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Jan 1, 2021 at 01:39 PM
  • Updated: Jan 1, 2021 at 01:49 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। दिल्‍ली से सटी सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर अंबानी और अडानी को लेकर कई प्रकार के दुष्‍प्रचार फैले हुए हैं। कभी अडानी रेल के नाम पर तो कभी जियो गेहूं के नाम पर फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। इसी क्रम में अब एक मोबाइल टावर के जलते वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि जियो के बायकॉट पर लोगों ने इस टावर में आग लगा दी। कुछ लोग इस वीडियो को किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि देहरादून में घटी एक पुरानी घटना के वीडियो को अब कुछ लोग जियो और किसान आंदोलन से जोड़कर फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

Voice of people नाम के एक फेसबुक पेज ने 30 दिसंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि जियो के बायकॉट पर लोगों ने इसके टावर का जला दिया। दावा कुछ यूं था : ‘Jio ki boycott per logon ne kiya jio tower ki ye halat’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसके ऊपर बाएं तरफ Tik Tok लिखा हुआ नजर आया, जबकि टिकटॉक भारत में किसान आंदोलन से काफी पहले प्रतिबंधित हो चुका है। इससे साफ था कि यह वीडियो पुराना है। इसका आंदोलन से कोई संबंध नहीं हो सकता।

पड़ताल के अगले चरण में हमने रिवर्स इमेज टूल की मदद से ओरिजनल सोर्स तक पहुंचने की कोशिश की। वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाला और उन्‍हें रिवर्स इमेज टूल में सर्च करना शुरू किया। बड़ी मुश्किल से कुछ तस्‍वीरें अमर उजाला वेबसाइट पर एक खबर मिली। 28 जून 2017 को पब्लिश खबर में बताया गया कि देहरादून में घर की छत पर लगे मोबाइल टावर में अचानक आग लग गई थी। यह घटना शक्ति कुमार मेहता के घर की छत पर हुई थी। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

सर्च के दौरान हमें ओरिजनल वीडियो न्‍यूज18 की वेबसाइट पर मिला। इसे 29 जून 2017 को अपलोड किया गया था। इसे आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो और ओरिजनल वीडियो की तुलना की। हमें इसमें कई समानता मिली। सबसे बड़ी समानता यह मिली कि दोनों वीडियो में दिख रही छत की रेलिंग की डिजाइन एक ही है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने देहरादून स्थित दैनिक जागरण की ऑनलाइन स्‍टेट डेस्‍क के प्रभारी सुनील नेगी से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो वाली घटना काफी पुरानी है। 28 जून 2017 की सुबह देहरादून के जीएमएस रोड स्थित अंकितपुरम कॉलोनी में शक्‍ति कुमार मेहता नाम के व्‍यक्ति के घर की छत पर लगे मोबाइल टावर में आग लग गई थी। वीडियो उसी घटना का है।

सुनील नेगी ने हमें दैनिक जागरण में जून 2017 को पब्लिश खबर भी भेजी। यह खबर आप नीचे पढ़ सकते हैं। इसमें बताया गया कि देहरादून के जीएमएस रोड स्थित अंकितपुरम कॉलोनी में सुबह एक घर की छत पर लगे टावर में आग लग गई थी।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि Voice of people नाम का यह पेज 15 दिसंबर 2020 को ही बनाया गया है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में मोबाइल टावर में आग लगने वाला वीडियो पुराना साबित हुआ। इसका किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।

  • Claim Review : Jio ki boycott per logon ne kiya jio tower ki ye halat
  • Claimed By : FB Page Voice of people
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