Fact Check: संभल के बीजेपी कार्यकर्ता मोहम्मद मियां के पुराने वीडियो को हालिया का बताकर भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति एक दिव्यांग शख्स को डंडा दिखाकर डराते और पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को हालिया का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि बीजेपी नेता ने समाजवादी पार्टी का नाम लेने पर दिव्यांग शख्स की डंडे से पिटाई कर दी। कई यूजर्स वायरल वीडियो को उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़कर शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि योगी का मतलब गुंडाराज, नहीं चाहिए भाजपा सरकार। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो में दिव्यांग को पीटता हुआ नजर आ रहा शख्स बीजेपी नेता नहीं बल्कि भाजपा का एक कार्यकर्ता है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर विधायक एबी यादव ने वायरल वीडियो के शेयर करते हुए लिखा है कि हालात आपातकाल से भी बदतर हो गए हैं उत्तर प्रदेश में, सपा का नाम लेने पर भाजपा नेता ने विकलांग व्यक्ति को डंडे से पीटा। योगी का मतलब गुंडाराज, योगी का मतलब जंगलराज

यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल –

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट NDTV की वेबसाइट पर 26 दिसंबर 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, दिव्यांग अखिलेश यादव को वोट देने की बात कह रहा था, जिससे बीजेपी नेता मोहम्मद मियां को गुस्सा आ गया और उन्होंने दिव्यांग शख्स को डंडा दिखाकर डांटना और पीटना शुरू कर दिया था।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो ABP NEWS के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 25 दिसंबर 2018 को अपलोड मिली। रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना उत्तर प्रदेश के संभल जिले की है। दिव्यांग व्यक्ति बीजेपी नेता के सामने अखिलेश यादव और मायावती को वोट देने के लिए कह रहा था, जिस पर बीजेपी नेता ने गुस्से में आकर शख्स को डंडा दिखाकर डांटना और पीटना शुरू कर दिया था। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने घटना पर कार्रवाई करते हुए बीजेपी नेता मोहम्मद मियां के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

अधिक जानकारी के लिए हमने संभल के पत्रकार सनी गुप्ता से संपर्क किया संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना तकरीबन 3 साल पुरानी है और सदर कोतवाली संभल क्षेत्र की है। दिव्यांग का नाम मनोज गुर्जर था। भाजपा के एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद मियां ने दिव्यांग के साथ मारपीट की थी। इस वीडियो का हालिया चुनाव या हाल के दिनों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने हमें यह भी बताया कि ये बीजेपी नेता नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकर्ता हैं। हमने संभंल के दैनिक जागरण के पत्रकार सचिन कुमार के साथ भी संपर्क किया। हमने वायरल पोस्ट को वाट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने भी हमें यही बताया कि वायरल दावा गलत है। ये वीडियो तकरीबन 3 साल पुराना है और मोहम्मद मियां बीजेपी के कार्यकर्ता है।

सनी गुप्ता की मदद से हमने मोहम्मद मियां से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। मेरे 3 साल पुराने वीडियो को गलत दावों के साथ बीजेपी को बदनाम करने के लिए शेयर किया जा रहा है। शख्स पीएम मोदी और सीएम योगी के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर रहा था। इसलिए मैं बस उसे वहां से जाने के लिए कह रहा था। वो बसपा का समर्थक था, वो इसी तरह कार्यक्रमों और रैलियों में जाकर हंगामा करता था। इस घटना को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर विधायक एबी यादव की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को फेसबुक पर 1 हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। विधायक एबी यादव उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2018 का है। जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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