Fact Check : भाजपा नेताओं पर हुए हमले के 3 साल पुराने वीडियो को बंगाल हिंसा से जोड़कर हाल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी नेताओं को पीटने के वायरल वीडियो का हालिया बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2017 का है। दरअसल पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष कुछ नेताओं के साथ दार्जिलिंग गए थे। यह हमला वहीं हुआ था।

Fact Check : भाजपा नेताओं पर हुए हमले के 3 साल पुराने वीडियो को बंगाल हिंसा से जोड़कर हाल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। बंगाल में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग बीजेपी नेताओं को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को हालिया हिंसा का बताते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बंगाल में हिंदुओं को पीटा जा रहा है।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का हालिया बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2017 का है। दरअसल पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष कुछ नेताओं के साथ दार्जिलिंग गए थे। यह हमला वहीं हुआ था।

क्या हो रहा है वायरल ?

यूजर ने 26 जून 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, “पश्चिम बंगाल में नो-गो जोन रोहिंग्या का ही क्षेत्र है वहां सिर्फ। वहां पर हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं! पश्चिम बंगाल में हिंदुओं का यही हाल कर दिया गया है! ममता और उनका वोट बैंक।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/JIX5A/status/1673287138312372225

पड़ताल 

वीडियो सीएए प्रदर्शन के नाम पर साल 2020 में भी वायरल हो चुका है। इसी पड़ताल को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

जागरण की वेबसाइट पर 6 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, दार्जिलिंग गए दिलीप घोष और अन्य भाजपा नेताओं के एक साथ मीटिंग में कुछ लोग बदसलूकी करने लगे। नेताओं और कार्यकर्ताओं को सड़क पर लाठियों से पीटा गया। 

हमें वायरल वीडियो एनएमएफ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 6 अक्टूबर 2017 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के अनुसार, ‘दार्जिलिंग में बीजेपी नेता दिलीप घोष पर हमला हुआ था।’

अधिक जानकारी के लिए हमने बंगाल दैनिक जागरण के संपादक जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने इस घटना की पुष्टि कर कहा, “यह वीडियो पुराना है। यह वीडियो दार्जिलिंग में हुई एक बैठक का है। बिनय तमांग गुट के लोगों ने बीजेपी नेता दिलीप घोष और अन्य नेताओं पर हमला कर दिया था।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाली यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 27.5 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर मार्च 2018 से ट्विटर पर सक्रिय है। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर लंदन की रहने वाली है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी नेताओं को पीटने के वायरल वीडियो का हालिया बंगाल हिंसा से कोई संबंध नहीं है। वीडियो साल 2017 का है। दरअसल पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता दिलीप घोष कुछ नेताओं के साथ दार्जिलिंग गए थे। यह हमला वहीं हुआ था।

False
Symbols that define nature of fake news
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