Fact Check : अनुप्रिया पटेल के 3 साल पुराने वीडियो को अब फर्जी दावे के साथ किया गया वायरल

विश्वास न्यूज़ के जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का तीन साल पुराना बयान अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक फर्जी खबर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए अपने 72 विधायकों का समर्थन समाजवादी पार्टी को दे दिया है। ढाई मिनट के इस वीडियो के शुरुआती 10 सेकंड में अनुप्रिया पटेल को कथित रूप से यह बोलते हुए सुना जा सकता है, ”भारतीय जनता पार्टी को उसके सहयोगी दलों की जो शिकायतें हैं उससे कोई लेना-देना नहीं है और उन समस्याओं को समाधान में कोई रुचि नहीं है इसलिए अपना दल अब स्वतंत्र है और अपना रास्ता चुन लेगी।” वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि विधानपरिषद चुनाव (एमएलसी) के बाद भाजपा गठबंधन टूट गया है और अनुप्रिया पटेल अलग हो गई हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की विस्‍तार से जांच की। वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। जांच में पता चला कि अनुप्रिया पटेल का तीन साल पुराने बयान के एक हिस्‍से को एडिट करके अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

फेसबुक पेज ‘लेटेस्ट न्यूज 1’ ने एक वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा : “Anupriya Patel ने तोड़ा BJP के साथ गठबंधन 72 विधायकों के साथ Anupriya का सपा को समर्थन..!!”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। इस वीडियो को दूसरे यूजर्स भी सच मानकर वायरल कर रहे हैं। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए संबंधित कीवर्ड के साथ गूगल ओपन सर्च करना शुरू किया। हमें अनुप्रिया पटेल का भाजपा गठबंधन से अलग होने से संबंधित एक भी खबर नहीं मिली। यदि केंद्रीय मंत्री ऐसा करतीं तो मीडिया संबंधित खबर जरूर प्रकाशित करता, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने यूट्यूब में वायरल पोस्‍ट से जुड़े वीडियो को खोजना शुरू किया। इसके लिए वायरल दावे से संबंधित कीवर्ड्स का उपयोग किया गया। हमें 22 फरवरी 2019 को अपलोड एक वीडियो मिला। 01:17 मिनट के इस वीडियो को एएनआई न्‍यूज एजेंसी की ओर से अपलोड किया गया था। इसमें 28 सेकंड से 38 सेकंड के बीच अनुप्रिया पटेल को वही बात कहते हुए देखा जा सकता है, जो वायरल वीडियो में है। हालांकि, यह तीन साल पुरानी बात है। पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें तीन साल पुरानी खबरें भी मिलीं। एनडीटीवी की वेबसाइट ने 22 फरवरी 2019 पर पब्लिश एक खबर मिली। इसमें एएनआई के हवाले से लिखा गया था, ‘अनुप्रिया पटेल की अपना दल ने बीजेपी को 20 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया था कि वह अपना दल से बातचीत कर उनके जो मुद्दे है, उसे सुलझा ले, मगर बीजेपी ने अभी तक कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इसलिए अपना दल अब स्वतंत्र है।’ पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने अपना दल (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पटेल से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को हमने वॉट्सऐप के माध्यम से साझा किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा फर्जी है। ऐसा कुछ भी नहीं है, हम गठबंधन के साथ है। वायरल वीडियो 3 साल पुराना है।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत वायरल वीडियो को शेयर करने वाले प्रोफाइल की जांच की। हमने पाया कि फेसबुक पेज ‘लेटेस्ट न्यूज 1’ विभिन्न तरह के राजनीतिक वीडियो को शेयर करता है। इस पेज को 206 लोग फॉलो कर रहे हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ के जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का तीन साल पुराना बयान अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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