Fact Check: मेरठ का करीब 4 साल पुराना वीडियो भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय के नाम से वायरल, पुलिस ने बताई अफवाह

अनिल उपाध्याय नाम का कोई भाजपा विधायक नहीं है। वायरल वीडियो अक्टूबर 2018 का मेरठ का है। दारोगा से मारपीट करने वाले आरोपी का नाम मनीष चौधरी था, जिसे पुलिस ने जेल भेज दिया था। वह भाजपा से सभासद था। पुलिस ने इस पोस्ट को अफवाह बताते हुए शेयर नहीं करने की सलाह दी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसे कथित तौर पर ‘भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय’ का बताते हुए शेयर किया जा रहा है। 29 सेकंड के इस वीडियो में एक युवक को पुलिसकर्मी को पीटते हुए देखा जा सकता है। उनके साथ वहां एक महिला और कुछ अन्य लोग भी हैं। वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ‘भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय’ ने पुलिसवाले से मारपीट की है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो वर्ष 2018 का है। मेरठ में होटल मालिक ने पुलिसकर्मी को पीटा था। इस मामले में अरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इतना ही नहीं, भाजपा में कोई अनिल उपाध्याय नाम का विधायक ही नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर ‘कौशलेंद्र पासी सुहेलदेव आर्मी जिला अध्यक्ष रायबरेली‘ (आर्काइव लिंक) ने 13 सितंबर को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

#हर_ हर महादेव जय मार्शल _समाज जय भारत

अनिल उपाध्याय जी बीजेपी के विधायक हैं
अब बताइए इन लोगों से जब पुलिस ही
सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी

ट्विटर यूजर ‘ओबीसी महासभा छतरपुर‘ (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए ऐसा ही दावा किया।

https://twitter.com/OBCHHATARPUR/status/1569141776145063936

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो से एक कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें 20 अक्टूबर 2018 को इंडिया टुडे में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो भी अपलोड किया गया है। खबर के अनुसार, मामला 19 अक्टूबर का मेरठ का है। सब-इंस्पेक्टर सुखपाल सिंह एक महिला वकील के साथ रेस्त्रां गए थे। वहां सुखपाल का होटल स्टाफ से विवाद हो गया। इस पर स्टाफ ने रेस्त्रां के मालिक मनीष चौधरी को बुला लिया। मनीष चौधरी भाजपा सभासद है। मनीष ने सब -इंस्पेक्टर को कई थप्पड़ मारे और गालियां दीं। सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और सबको कंकरखेड़ा थाने ले आई। सब-इंस्पेक्टर और महिला वकील की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

20 अक्टूबर 2018 को जागरण डॉट कॉम में छपी खबर के मुताबिक, ब्लैक पेपर रेस्त्रां में दारोगा और उनकी अधिवक्ता मित्र से मारपीट के मामले में भाजपा पार्षद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला वकील ने छेड़छाड़, मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाया है। वहीं, मनीष चौधरी का आरोप है कि खाने में देर होने पर महिला अधिवक्ता ने हंगामा कर दिया था। दारोगा उस समय नशे में था। मामला सामने आने के बाद एसएसपी ने दारोगा का लाइन हाजिर कर दिया।

16 अप्रैल 2021 को टाइम्स ऑफ इंडिया में खबर छपी है कि भाजपा सभासद मनीष चौधरी कार में मृत पाया गया है। उसको गोली लगी थी। कंकरखेड़ा में कार की ड्राइवर सीट पर उसका शव मिला है। पुलिसकर्मी से मारपीट करने पर वह जेल गया था।

वायरल वीडियो को लेकर यूपी पुलिस ने 13 सितंबर को ट्वीट कर कहा है कि वीडियो 2018 का है। तत्कालीन सभासद समेत 4 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। बिना जांच किए भ्रामक पोस्ट कर अफवाह मत फैलाएं।

इस बारे में मेरठ के स्थानीय पत्रकार केपी त्रिपाठी का कहना है, ‘यह वीडियो 2018 का है। भाजपा सभासद मनीष चौधरी रेस्त्रां के मालिक थे। उन्होंने दारोगा से मारपीट की थी। उनकी मौत भी हो चुकी है।

इसके बाद हमने अनिल उपाध्याय के बारे में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा संचालित डेटा डिपॉजिटरी प्लेटफॉर्म Myneta.info पर सर्च किया। इसमें अनिल उपाध्याय नाम का कोई भी भाजपा विधायक नहीं मिला।

अनिल उपाध्याय एक काल्पनिक चरित्र है, जो कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा विधायक के तौर पर वायरल होता रहा है। इससे जुड़ी विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

वीडियो को गलत दावे से वायरल करने वाले फेसबुक पेज ‘कौशलेंद्र पासी सुहेलदेव आर्मी जिला अध्यक्ष रायबरेली‘ को हमने स्कैन किया। 10 जुलाई 2022 को बने इस पेज को 307 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: अनिल उपाध्याय नाम का कोई भाजपा विधायक नहीं है। वायरल वीडियो अक्टूबर 2018 का मेरठ का है। दारोगा से मारपीट करने वाले आरोपी का नाम मनीष चौधरी था, जिसे पुलिस ने जेल भेज दिया था। वह भाजपा से सभासद था। पुलिस ने इस पोस्ट को अफवाह बताते हुए शेयर नहीं करने की सलाह दी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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