Fact Check: चार साल पुराना वीडियो हालिया बताकर किया जा रहा भ्रामक दावा

जनवरी 2018 में महोली तहसील में कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान हंगामा हुआ था। वायरल वीडियो उसी हंगामे का है। इसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check: चार साल पुराना वीडियो हालिया बताकर किया जा रहा भ्रामक दावा

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी चुनाव 2022 को लेकर सोशल मीडिया पर कई पुरानी वीडियो या फोटो वायरल कर भ्रामक दावे किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक वीडियो को सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर रहे हैं। 1.28 मिनट की इस वीडियो में कंबल वितरण कार्यक्रम का बैनर दिख रहा है। इसमें कई लोग आपस में झगड़ रहे हैं। कुर्सियां भी फेकी जा रही हैं। इस दौरान वहां पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। दावा किया जा रहा है कि सीतापुर की महोली तहसील में भाजपा सांसद रेखा वर्मा ने विधायक शशांक त्रिवेदी को औकात में रहने का कहा। इस दौरान वहां गालीगलौज हुई और जूते-चप्पल भी चले।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो करीब चार साल पुराना है। जनवरी 2018 के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Aman Yadav ने 24 जनवरी 2022 को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, सीतापुर की महोली तहसील में भाजपा सांसद रेखा वर्मा ने विधायक शशांक त्रिवेदी को औकात में रहबे को कहा फिर जूता-चप्पल और गालियां शुरू हो गई। निश्चित तौर पर भाजपा में ब्राह्मणों को तो औकात में रहना ही है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से न्यूज सर्च की। इसमें हमें 14 जनवरी 2018 को अमर उजाला में पब्लिश वीडियो न्यूज मिली। इसमें वायरल वीडियो भी मिल गया। इसके मुताबिक, सीतापुर में कंबल वितरण के दौरान भाजपा सांसद रेखा वर्मा और विधायक शशांक त्रिवेदी के समर्थक आपस में भिड़ गए। घटना के बाद सांसद व विधायक में समझौता हो गया। किसी ने भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई है।

इसकी और पड़ताल करने पर हमें jagran में प्रकाशित 13 जनवरी 2018 की खबर का लिंक मिला। इसमें लिखा है कि मामला महोली तहसील में कंबल वितरण के दौरान का है। कार्यक्रम में धौरहरा से भाजपा सांसद रेखा वर्मा और महोली विधायक शशांक त्रिवेदी के समर्थक भिड़ गए। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ व हंगामा हुआ।

इस बारे में सीतापुर में दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर गोविंद मिश्र का कहना है, करीब चार साल पहले महोली तहसील में कंबल वितरण के दौरान विवाद हुआ था। वायरल वीडियो जनवरी 2018 का है।

करीब चार साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Aman Yadav की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: जनवरी 2018 में महोली तहसील में कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान हंगामा हुआ था। वायरल वीडियो उसी हंगामे का है। इसे भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट