Fact Check: योगी आदित्यनाथ के काफिले को दिखाए गए काले झंडे का 2017 का वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो हमने पाया कि वायरल पोस्ट फर्जी है। यह 2017 का पुराना वीडियो है और उस वक़्त इस मामले को हर जगह कवर भी किया गया था ।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग योगी आदित्यनाथ के काफिले को काला झंडा दिखाते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह हाल ही का वीडियो है और इस मामले को किसी भी मीडिया ने कवर नहीं किया। जब विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल कि तो हमने पाया की वायरल पोस्ट फर्जी है। यह 2017 का पुराना वीडियो है और उस वक़्त इस मामले को हर जगह कवर भी किया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘Open attack on UP CM Yogi today. No Tv channel has shown it”.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वीडियो को गौर से देखा। वीडियो में 34 सेकंड के फ्रेम में एक बोर्ड पर ‘Rama Degree Collage’ लिखा हुआ नज़र आया। सर्च किये जाने पर हमने पाया कि रमा डिग्री कॉलेज लखनऊ के चिनहट में है।

पड़ताल को इसी बुनियाद पर हमने आगे बढ़ाया और हमें एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो के फ्रेम्स से मिलता हुआ एक वीडियो मिला।

10 जून 2017 को अपलोड की गई खबर में बताया गया कि पिछले दिनों लखनऊ में योगी आदित्यनाथ के काफिले को कुछ स्टूडेंट्स के ज़रिये काला झंडा दिखाने का मामला पेश आया था और अब उन लोगों की ज़मानत ख़ारिज हो गई है। पूरा वीडियो नीचे देखा जा सकता है।

इसी मामले से जुड़ी खबर हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर 10 जून 2017 को पब्लिश मिली। जिसमें दी गई तफ्सील के मुताबिक, ‘बुधवार को मुख्यमंत्री लखनऊ यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में गए थे, जब उनके काफ़िले को छात्रों ने काले झंडे दिखाए. उन छात्रों को गिरफ़्तार कर लिया गया. 12 छात्रों में 2 छात्राएं भी शामिल थीं.

वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने हमारे साथी दैनिक जागरण में लखनऊ के रिपोर्टर अजय श्रीवास्तव के साथ वायरल वीडियो शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो कई साल पुराना है। उस वक़्त समाजवादी पार्टी से जुड़े कुछ छात्रों ने योगी आदित्यनाथ के काफिले को रोका था। यह उसी का वीडियो है। उन्होंने आगे बताया- यह मामला उस समय काफी हाईलाइट हुआ था और हर जगह कवर भी किया गया था।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर चिंतन मेहता की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर गुजरात का रहने वाला है और इसे 1582 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस वीडियो की पड़ताल की तो हमने पाया कि वायरल पोस्ट फर्जी है। यह 2017 का पुराना वीडियो है और उस वक़्त इस मामले को हर जगह कवर भी किया गया था ।

False
Symbols that define nature of fake news
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