Fact Check: 2017 यूपी चुनाव के उम्मीदवार गोपाल चौधरी का वीडियो गलत दावे के साथ हुआ सोशल मीडिया पर वायरल

विश्वास न्यूज ने गोपाल चौधरी को लेकर वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है और इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक मिनट 30 सेकेंड का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में शख्स को कहते हुए सुना जा सकता है कि मेरा इस चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है, मेरा खाली एक ही मुद्दा है। मुझे पैसे कमाने हैं, इन्वेस्ट करने हैं और मुझे सारी सुविधाएं पानी हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को हालिया उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़ते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी के एक विधायक उम्मीदवार गोपाल चौधरी ने आखिरकार सच्चाई बता दी है कि वो पैसे कमाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कई यूजर्स यह भी दावा कर रहे हैं कि गोपाल चौधरी सपा के उम्मीदावर हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है और इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Journalist Shah Tawqeer Ul Islam ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि Most honest candidate in upcoming elections.
(हिंदी अनुवाद : आने वाले चुनाव का सबसे ईमानदार प्रत्याशी)

फेसबुक यूजर Kamlesh Chaturvedi ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि सीधी बात नो बकवास गोपाल चौधरी पूरी ईमानदारी से बता रहे हैं कि उनके चुनाव लड़ने के पीछे क्या है खास। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावे को शेयर कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्योंs का त्यों लिखा गया है। इसके आकाईव्डि वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। गौर करने पर हमने पाया कि वीडियो पर द क्विंट का लोगो लगा हुआ है। इसके बाद हमने द क्विंट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें असली वीडियो 28 जनवरी 2017 को अपलोड मिला।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट जी न्यूज की वेबसाइट पर 27 जनवरी 2017 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, 2017 में गोपाल चौधरी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार आगरा की साउथ सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरने के लिए पहुंचे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया था। Indian Express ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था।

हमें सर्च के दौरान वायरल वीडियो एएनआई उत्तर प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसी जानकारी के साथ 27 जनवरी 2017 को अपलोड मिला।

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के आगरा के डिजिटल इंजार्ज प्रतीक गुप्ता से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो साल 2017 का है। इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का नाम गोपाल चौधरी है और इन्होंने पांच साल पहले बतौर निर्दलीय उम्मीदवार आगरा की साउथ सीट से नामांकन भरा था, लेकिन गोपाल चौधरी जीत नहीं पाए थे। भाजपा के योगेंद्र उपाध्याय को इस सीट पर जीत हासिल हुई थी। गोपाल चौधरी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और न ही उनका सपा से कोई संबंध है।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Journalist Shah Tawqeer Ul Islam के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को दो हजार से ज्यादा लोग फेसबुक पर फॉलो करते हैं। फेसबुक यूजर ने इस पेज को 25 जून 2018 को बनाया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने गोपाल चौधरी को लेकर वायरल दावे की पड़ताल की और पाया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है और इसका हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

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