Fact Check : अहमदाबाद की 2017 की तस्‍वीर अब वाराणसी के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल तस्‍वीर अहमदाबाद की निकली। इसे अब बनारस की बताकर वायरल किया जा रहा है। यह तस्‍वीर 2017 की है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। मानसूनी बारिश के बीच सोशल मीडिया में कई प्रकार की तस्‍वीरें वायरल हो रही हैं। अब बड़े गड्ढे वाली एक तस्‍वीर को कुछ लोग वायरल करते हुए इसे वाराणसी की बता रहे हैं। तस्‍वीर में सड़क के बीचोंबीच एक बड़ा सा गड्ढा देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर को यूजर्स अपने अकाउंट से शेयर करते हुए तंज कस रहे हैं। हमारी जांच में वायरल तस्‍वीर गुजरात की राजधानी अहमदाबाद की पुरानी फोटो निकली। यह 2017 की तस्‍वीर है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज The Real India ने 31 जुलाई को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए तंज कसते हुए लिखा : ‘विश्व का पहला अंडरग्राउंड क्रिकेट स्टेडियम बनारस में बन कर तैयार, वो भी सड़क के बीचों-बीच!’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इस सच मानकर दूसरे यूजर्स भी तस्‍वीर को वायरल कर रहे हैं। इन दावों को यहां, यहां, यहांऔर यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली। सर्च के दौरान हमें यह तस्‍वीर कई जगह पुरानी तारीखों में मिलीं। सबसे पुरानी तस्‍वीर हमें आम आदमी पार्टी के नेता संजय स‍िंह के ट्विटर हैंडल पर 29 जुलाई 2017 को अपलोड मिली। इसे आप यहां देख सकते हैं।

सर्च के दौरान हमें संजीव भट्ट के ट्विटर हैंडल पर भी यह तस्‍वीर 29 जुलाई 2017 को पोस्‍ट मिली। इसे अहमदाबाद की बताया गया था।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने अहमदाबाद के वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत नेमा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्‍वीर को व्हाट्सएप पर शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर अहमदाबाद की पुरानी फोटो है। यह पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है।

इसके बाद हमने दैनिक जागरण, वाराणसी के फोटो जर्नलिस्‍ट भैरव जायसवाल से संपर्क किया। उन्‍होंने इस बात की पुष्टि की कि वायरल तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है।

हमने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक पेज The Real India को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 4.35 लाख से ज्‍यादा फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल तस्‍वीर अहमदाबाद की निकली। इसे अब बनारस की बताकर वायरल किया जा रहा है। यह तस्‍वीर 2017 की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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