विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर 2014 की है, जब वाराणसी के एक रेस्टोरेंट ने इन रोटियों को बनाया और बेचा था। यह तस्वीरें अभी की नहीं हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)।सोशल मीडिया पर आज कल कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें रोटियों पर स्टाम्प लगी है और लिखा है, ‘अब की बार मोदी सरकार’। कई सोशल मीडिया यूजर्स इन इमेजेज को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि देशव्यापी लॉकडाउन में बीजेपी सरकार कुछ इस तरह अपनी पार्टी का प्रचार कर रही है और गरीबों को यह रोटियां बांट रही है। विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर 2014 की है, जब वाराणसी के एक रेस्टोरेंट ने इन रोटियों को बनाया और बेचा था। यह तस्वीरें अभी की नहीं हैं।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर Shivam Bharti ने 2 अप्रैल को 3 तस्वीरें शेयर कीं। इनमें रोटियों पर लगे स्टाम्प पर लिखा है, ‘अब की बार मोदी सरकार।’ पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “रोटी पर भी नाम छाप कर दिया जा रहा है। मदद हो रही या प्रचार समझ से परे है” फेसबुक से लेकर WhatsApp तक पर इसे खूब वायरल किया जा रहा है।
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां है
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें सर्च में यह तस्वीर नवभारत टाइम्स की एक खबर में मिली। खबर को 6 मई 2014 को पब्लिश किया गया था। खबर के अनुसार, “बनारस में यादव ढाबे पर रोटी बनाने वाली मशीन के जरिए हर रोटी पर अबकी बार मोदी सरकार लिखा गया।” यह खबर 2014 लोकसभा चुनावों के समय की है।
हमें ढूंढ़ने पर NDTV के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल का भी एक वीडियो मिला। इसमें स्टाम्प लगी रोटी की डिटेल थी। वीडियो को 9 मई, 2014 को अपलोड किया गया था। खबर के मुताबिक, 2014 में वाराणसी में एक रेस्टोरेंट, यादव ढाबा ने इस रोटी को बेचा था। हालांकि, अन्य पार्टियों को इससे समस्या थी, जिसके कारण होटल को इस रोटी को बेचना बंद करना पड़ा था।
पुष्टि के लिए हमने यादव ढाबा के मालिक, गोकुल यादव से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया, “वायरल तस्वीार 2014 की है। उस समय हमने एक मशीन के ज़रिये रोटियों पर अब की बार मोदी सरकार की स्टाम्प लगायी थी। पर प्रशासनिक ऑर्डर के बाद हमने ऐसा करना बंद कर दिया था।”
अंत में विश्वास न्यूज ने Shivam Bharti के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैोनिंग की। हमें पता चला कि यूजर पंजाब के लुधियाना में रहता है, लेकिन यह मूल रूप से यूपी के सहारनपुर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस दावे की पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर 2014 की है, जब वाराणसी के एक रेस्टोरेंट ने इन रोटियों को बनाया और बेचा था। यह तस्वीरें अभी की नहीं हैं।
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