Fact Check: 2013 की तस्वीर को दिल्ली की किसान ट्रैक्टर रैली से जोड़कर फ़र्ज़ी दावे के साथ किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर दिल्ली में हाल ही में हुई ट्रैक्टर रैली की नहीं, बल्कि 2013 के सिख समुदाय के प्रोटेस्ट की है, जिसे अब फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। दिल्ली में 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ पुलिसवालों को एक शख्स के साथ बदसलूकी करते हुए देखा जा सकता है। अब इसी तस्वीर को हाल का समझते हुए शेयर किया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ ने पोस्ट की पड़ताल में पाया ये तस्वीर दिल्ली में हुई किसान ट्रैक्टर रैली की नहीं, बल्कि 2013 की सिख प्रोटेस्ट की है, जिसमें सिख समुदाय और पुलिस के दरमियान झड़प हुई थी। अब इसी पुरानी तस्वीर को जानबूझकर ग़लत दावे के साथ फैलाया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

ट्विटर यूजर Bashir Chaudhary ने वायरल तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा, ”This picture will shake the foundations of #India #JaagPunjabiJaag #IndianRepublicBlackDay #TractorMarchDelhi #KisanTractorRally #FarmersProtest”.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये वायरल तस्वीर को सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ dailymail की वेबसाइट पर 5 मई 2013 को पब्लिश हुआ एक आर्टिकल लगा। खबर में हमें वही तस्वीर नज़र आई, जिसे हाल की बताकर वायरल किया जा रहा है। खबर में दी गयी जानकारी के मुताबिक, सिखों के एक समूह ने रविवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी करने के विरोध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास की ओर मार्च करने का प्रयास किया। पूरी खबर यहाँ पढ़ें।

गेट्टी इमेजेज पर भी हमें वायरल तस्वीर नज़र आई, तस्वीर को 5 मई 2013 की बताते हुए विस्तार से लिखा गया है। ये तस्वीर की उस वक़्त की है, जब दिल्ली में सिखों ने 1984 सिख दंगों के दोषी सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ प्रोटेस्ट किया था और इसी दरमियान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में झड़प हुई थी। तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर शेखर यादव का नाम भी हमें तस्वीर में नज़र आया।

विश्वास न्यूज़ ने तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर शेखर यादव से संपर्क किया और उनके साथ वायरल दावा शेयर किया, जिस पर उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर बहुत पुरानी है।

अब बारी थी पोस्ट को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Bashir Chaudhary की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर का ताल्लुक पाकिस्तान के इस्लामाबाद से है। इसके अलावा यूजर को 6877 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही तस्वीर दिल्ली में हाल ही में हुई ट्रैक्टर रैली की नहीं, बल्कि 2013 के सिख समुदाय के प्रोटेस्ट की है, जिसे अब फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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