नितिन गडकरी का प्रधानमंत्री की आलेचना करने वाला वीडियो अगस्त 2011 का है। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और नितिन गडकरी भाजपा के अध्यक्ष थे। अन्ना हजारे के अनशन को लेकर दिए गए बयान पर नितिन गडकरी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आत्ममंथन करने का सुझाव दिया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 2.12 मिनट के वीडियो में नितिन गडकरी प्रधानमंत्री की आलोचना कर रहे हैं। यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि नितिन गडकरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि नितिन गडकरी का यह वीडियो अगस्त 2011 का है। उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। अगस्त 2011 में अन्ना हजारे के अनशन को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर नितिन गडकरी ने यह प्रतिक्रिया दी थी। वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘ओबीसी महासभा कटनी मध्य प्रदेश‘ (आर्काइव लिंक) ने 27 जुलाई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
I don’t like it pm
गडकरी p,m के विरोध में पहली बार खुल कर प्रेस कॉन्फ्रेंस
वीडियो में नितिन गडकरी कह रहे हैं कि ‘इस देश में भ्रष्ट नेताओं और सरकारों के खिलाफ आंदोलन करना जनता और विपक्ष का अधिकार है। यह अधिकार कांग्रेस या प्रधानमंत्री ने लोगों को नहीं दिया है। यह अधिकार हमारे संविधान में है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि लोगों को शांतिपूर्ण आंदोलन नहीं करना चाहिए। इसको लेकर प्रधानमंत्री को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। सरकार जिस तरह से काम कर रही है और प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है, ये पूरी तरह लोकतंत्र के विरोध में है। हिंदुस्तान की जनता इसका कभी समर्थन नहीं कर सकती। प्रधानमंत्री इसी तरह से अगर देश चलाना चाहते हैं तो देश की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।‘
वीडियो पर लिखा है, गडकरी P. M. के विरोध मे पहली बार खुल कर प्रेस कॉन्फ्रेस…नरेन्द्र मोदी को गडकरी ने सुजाव क्यू देना पड़ा?
ट्विटर यूजर Adv. Pramod Kumar (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को समान दावे से शेयर किया है।
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले गूगल के इनविड टूल से इसका कीफ्रेम निकाला। उसको गूगल रिवर्स इमेज से सर्च करने पर हमें भारतीय जनता पार्टी के यू्ट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला। इसे 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया गया है। 4.25 मिनट के इस वीडियो का टाइटल है, BJP Byte: Anna Hazare & Prime Minister: 15.08.2011।
16 अगस्त 2011 को इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अन्ना हजारे के अनशन पर सरकार द्वारा शर्तें लगाए जाने के बाद भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके रूख पर ‘आत्मनिरीक्षण’ करने को कहा। इसको लोकतंत्र के खिलाफ बताया गया। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर आत्ममंथन करना चाहिए। अगर आप आंदोलन का विरोध करेंगे तो हम इसकी अनुमति नहीं देंगे। जिस तरह से यह सरकार काम कर रही है और प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के खिलाफ है। आपको बता दें कि सरकार ने अन्ना हजारे से आमरण अनशन पर भीड़ की संख्या को 5,000 तक सीमित करने और इसे तीन दिन में समाप्त करने को कहा है।
15 अगस्त 2011 को हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, अन्ना हजारे की भूख-हड़ताल 16 अगस्त को शुरू होने वाली थी। इससे पहले 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 65वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भूख-हड़ताल की निंदा करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है।
इस बारे में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिजोय सोनकर का कहना है, ‘वायरल वीडियो कांग्रेस सरकार के समय का है। नितिन गडकरी ने यह बयान मनमोहन सिंह के लिए दिया था।‘
वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘ओबीसी महासभा कटनी मध्य प्रदेश‘ को हमने स्कैन किया। 18 जुलाई 2022 को बने इस पेज को 196 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: नितिन गडकरी का प्रधानमंत्री की आलेचना करने वाला वीडियो अगस्त 2011 का है। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और नितिन गडकरी भाजपा के अध्यक्ष थे। अन्ना हजारे के अनशन को लेकर दिए गए बयान पर नितिन गडकरी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आत्ममंथन करने का सुझाव दिया था।
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