Fact Check : प्रयागराज की दो साल पुरानी तस्‍वीर हो रही वायरल, पोस्‍ट फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। दो साल पुरानी प्रयागराज की पुरानी तस्‍वीर को अब वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश के तमाम हिस्‍सों में मानसून की सक्रियता के साथ ही साथ सोशल मीडिया में भी बरसात से जुड़ी फर्जी पोस्‍टों की बाढ़-सी आ गई है। पानी से डूबे एक अंडरपास की तस्‍वीर को कुछ लोग वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तस्‍वीर अब की है, जबकि हमारी जांच में पता चला कि दो साल पुरानी यूपी के प्रयागराज की तस्‍वीर को अब वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

सोशल मीडिया पर प्रयागराज की पुरानी तस्‍वीर अलग-अलग दावों के साथ वायरल हो रही है। ट्विटर यूजर Vinamra ने 17 जुलाई को फोटो को अपलोड करते हुए लिखा कि ‘#PmModiLeadingTheWorld in creating natural swimming pools.’

इसी तरह कुछ यूजर इस तस्‍वीर को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बताकर वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का सोशल मीडिया और आकाईव वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेट टूल में अपलोड करके सर्च किया। यह तस्‍वीर हमें कई वेबसाइट पर दिखीं। वायरल तस्‍वीर को 2018 में खबरों के साथ इस्‍तेमाल किया गया था।

पड़ताल के दौरान हमें पत्रिका डॉट कॉम पर 13 अगस्‍त 2018 को पब्लिश एक खबर में यह तस्‍वीर मिली। पत्रिका के अनुसार, यह तस्‍वीर प्रयागराज के निरंजन डॉट पुल की है। यहां 12 अगस्‍त 2018 को भारी बारिश के बाद काफी पानी जमा हो गया था। इसी अंडरपास में भाजपा का एक होर्डिंग भी लगा था। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान हमें ओरिजनल तस्‍वीर AP की वेबसाइट पर मिली। इसमें बताया गया कि 12 अगस्‍त 2018 की यह तस्‍वीर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के रेलवे अंडरपास की है। ओरिजनल तस्‍वीर यहां देखें।

पड़ताल के अगले चरण में हमने तस्‍वीर को क्लिक करने वाले एपी के फोटोग्राफर राजेश कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया, ‘वायरल तस्‍वीर 2018 की है। यह फोटो उस वक्‍त भी काफी चर्चा में आई थी।’

वायरल फोटो को लेकर प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्‍ता ने बताया कि निरंजन डॉट पुल के नीचे जलभराव की यह फोटो पुरानी है। महापौर अभिलाषा गुप्ता का कहना है कि यह फोटो उस साल की है, जब जबरदस्त बारिश हुई थी। उसकी वजह से दूसरे दिन डॉट पुल के नीचे बहुत पानी भर गया था। अब अंडरपास के नीचे एक तरफ लोहे के एंगल लग गए हैं। दूसरी ओर पेंट माय सिटी के तहत पेंटिंग हो गई है। यह वायरल तस्वीर पुरानी है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट को वायरल करने वाले ट्विटर यूजर की जांच की। हमें पता चला कि यूजर नवंबर 2019 से एक्टिव है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। दो साल पुरानी प्रयागराज की पुरानी तस्‍वीर को अब वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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