विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की छवि को खराब करने के लिए उनकी पुरानी तस्वीर को फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्वीर 2019 की है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की एक पुरानी तस्वीर को हालिया बताकर वायरल की जा रही है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि डॉ. हर्षवर्धन बिना मास्क और सोशल दूरी के धरने पर बैठे हैं। इस तस्वीर में स्वास्थ्य मंत्री को मुंह पर अंगुली रखे हुए धरने पर बैठे हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की।
हमारी जांच में पता चला कि 2019 में बंगाल में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हुई भिड़ंत के बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक मौन धरने का आयोजन किया गया था। तस्वीर उसी दौरान की है। जिसे अब फर्जी दावे के साथ कोरोना काल की बताकर वायरल किया जा रहा है।
यूजर मोहम्मद आलम ने 7 मई को फेसबुक पेज समाजवादी पार्टी ऑनलाइन सेना पर स्वास्थ्य मंत्री की एक पुरानी तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया : ‘स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें! इस महामारी में खुद और दूसरे लोगों को बिना मास्क के काफी नज़दीक लेकर बैठे हैं। महामारी ऐक्ट के तहत इन सब पर मुकदमा होना चाहिए!’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें। इस सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इस तस्वीर को वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड किया। सर्च के दौरान इससे मिलती-जुलती तस्वीर हमें टाइम्स कंटेंट की वेबसाइट पर मिली। इसमें बताया गया कि 15 मई 2019 के साइलेंट प्रोटेस्ट की यह तस्वीर नई दिल्ली की है। यह तस्वीर आप यहां देख सकते हैं।
इन तस्वीरों के क्लू के आधार पर हमने भाजपा के साइलेंट प्रोटेस्ट से जुड़े वीडियो को खोजना शुरू किया। हमें न्यूज 18 उर्दू के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। 15 मई 2019 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि कोलकाता में भाजपा-टीएमसी मुठभेड़ के बाद भाजपा के नेताओं ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर साइलेंट प्रोटेस्ट का आयोजन किया। पूरा वीडियो यहां देखें।
तहकीकात को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने भाजपा प्रवक्ता निघत अब्बास से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्वीर शेयर की। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर 2019 की है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर मोहम्मद आलम की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर चंदौसी के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को जनवरी 2015 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की छवि को खराब करने के लिए उनकी पुरानी तस्वीर को फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्वीर 2019 की है।
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