Fact Check : देश को गुमराह करने के लिए कश्‍मीर के नाम पर फैलाई जा रही है गाजा-फिलीस्‍तीन की 10 साल पुरानी तस्‍वीर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। जम्‍मू व कश्‍मीर से भले ही अनुच्‍छेद 370 हटे हुए चार महीने हो गए हों, लेकिन आज भी सोशल मीडिया में कश्‍मीर को लेकर फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। एक तस्‍वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें दिखने वाला घर कश्‍मीर का है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी है। पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर गाजा की है। इस तस्‍वीर को 2009 में क्लिक किया गया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर Moinuddin Hasan Altaf ने एक घर की तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : इस कश्मीरी मकान की तस्वीर देखकर कश्मीर के हालात का अंदाजा लगाईये।

पड़ताल

वायरल पोस्‍ट में एक घर के बाहरी हिस्‍सों पर गोलियों के निशान दिख रहे हैं। तस्‍वीर में एक महिला को कपड़े सुखाते हुए देखा जा सकता है। तस्‍वीर को ध्‍यान से एनालिसिस करने के बाद विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्‍वीर अलग-अलग जगहों के नाम पर कई जगह मिली। Kutad नाम एक ट्विटर यूजर्स के हैंडल पर भी यही तस्‍वीर मिली। तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि यह गाजा की फोटो है। इसे दो साल पहले अपलोड किया गया था।

टाइम लाइन टूल का इस्‍तेमाल करते हुए हमने अपनी पड़ताल को जारी रखा। पड़ताल के दौरान हमें यही तस्‍वीर टाइम मैगजीन की वेबसाइट पर भी मिली। इसमें बताया गया कि गाजा के एक अपार्टमेंट की बालकनी में कपड़े सुखाती महिला।

इस तस्‍वीर को कब अपलोड किया गया था, इसकी कोई जानकारी यहां नहीं मिली। इसलिए इस तस्‍वीर को डेस्‍कटॉप पर सेव करके हमने exifdata.com की मदद से तस्‍वीर की डिटेल निकाली। हमें पता चला कि यह तस्‍वीर 26 जनवरी 2009 की है। कैप्‍शन में बताया गया कि इजिप्ट की सीमा से सटे गाजा के राफा में गोलियों के निशान से पटे अपार्टमेंट की बालकनी में एक फ़िलिस्तीनी महिला कपड़े टांगते हुए। ओरिजनल तस्‍वीर सिन्हुआ/Landov के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी।

पड़ताल के अगले चरण में हमने दैनिक जागरण के जम्मू डिप्टी चीफ रिपोर्टर विकास अबरोल से बात की। उन्‍होंने बताया कि देश को गुमराह करने के लिए इस तरह की फोटो को कुछ लोग जानबूझकर वायरल कर रहे हैं,जबकि कश्‍मीर में ऐसी कोई स्थिति नहीं है। इन तस्‍वीरों को वायरल करने वाले लोगों की एक ही मंशा है कि देश का माहौल खराब हो।

जम्‍मू व कश्‍मीर के एडीजीपी (सिक्‍युरिटी) होम एंड लॉ मुनीर खान ने बताया कि देश के बाहर से जो लोग भी फर्जी खबरें फैलाते हैं, उनके खिलाफ संबंधित सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म को सूचना दे रहे हैं, ताकि इन्‍हें रोका जा सकते। काफी हद तक हमने फेक खबरों पर लगाम लगा ली है।

तस्‍वीर के बारे में और ज्‍यादा जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने टाइम मैगजीन को एक ईमेल भी भेजा है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने उस फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने गाजा की तस्‍वीर को कश्‍मीर का बताकर वायरल किया। फेसबुक यूजर Moinuddin Hasan Altaf हैदराबाद में रहता है। इसके अकाउंट को 197 लोग फॉलो करते हैं। इस अकाउंट पर अधिकांश पोस्‍ट हमें एक खास पार्टी के खिलाफ ही मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि कश्‍मीर के घर के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। असली तस्‍वीर गाजा की है। इसे 2009 में क्लिक किया गया था। इस तस्‍वीर का हिंदुस्‍तान से कोई संबंध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने इससे पहले भी कई बार कश्‍मीर से जुड़े झूठ का पर्दाफाश किया है। इसे आप यहां पढ़ सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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