सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी भ्रामक और फर्जी पोस्ट्स की पड़ताल करती विश्वास न्यूज की टॉप 5 फैक्ट चेक रिपोर्ट्स।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के लिए चुनावी तारीख की घोषणा हो चुकी है और इसके साथ ही सियासी दल चुनावी मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोंक रहे हैं। कोविड-19 के ओमिक्रोन वेरिएंट के प्रसार की वजह से दलों के लिए चुनाव प्रचार फिलहाल वर्चुअल प्लेटफॉर्म तक सीमित है और इसी वजह से सोशल मीडिया पर ऐसे अनगिनत पोस्ट्स की भरमार है, जो मतदाताओं को गुमराह करने की क्षमता रखते हैं। विश्वास न्यूज ऐसे भ्रामक और फर्जी पोस्ट्स की जांच कर उसकी सच्चाई को सामने ला रहा है। हमारी यह रिपोर्ट् उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से संबंधित टॉप 5 फैक्ट चेक रिपोर्ट्स पर आधारित है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और असदुद्दीन ओवैसी एक सोफा पर साथ बैठे हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को ओवैसी और संघ के बीच हुई चुनावी सांठगांठ के दावे के साथ वायरल किया गया। हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड और फर्जी है।
वास्तव में नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की पोती के शादी समारोह से संबंधित एक कार्यक्रम में विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आमंत्रित थे। इसी कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव और मोहन भागवत की शिष्टाचार मुलाकात हुई थी। मुलायम और भागवत की मुलाकात की इसी तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ वायरल किया जाने लगा।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए योगी सरकार के बनने का दावा किया।
हमने अपनी जांच में पाया कि अखिलेश यादव ने राज्य में योग्य सरकार बनने का दावा किया था, जिसे योगी सरकार बताकर वायरल किया जाने लगा। वायरल वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में नेताओं के एक दल से दूसरे में जाने का सिलसिला जारी है और अधिकांश दल ऐसा कर अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल पर मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर बीजेपी विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी का पार्टी से इस्तीफा देने वाली चिट्ठी वायरल हुई। हमने अपनी जांच में पाया कि यह चिट्ठी फेक है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से सोशल मीडिया पर वायरल किया गया।
विश्वास न्यूज पर इसकी विस्तृत फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
ओपिनियन पोल के बिना चुनावों की कल्पना तक नहीं की जा सकती। राजनीतिक दल और चुनावी विश्लेषकों के अलावा आम मतदाता की भी इनमें विशेष रुचि रहती है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के चुनाव से संबंधित ओपिनियन पोल को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को बहुमत मिलने के आसार है।
हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा सर्वे 2016 में हुए पोल से संबंधित है, जिसे गलत दावे के साथ 2022 के चुनाव से संबंधित ओपिनियन पोल का बताकर वायरल किया गया।
पूर्वांचल एक्सप्रेस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेसी नेता रीता यादव ने काला झंडा दिखाकर सुर्खियां बटोरीं। दावा किया गया कि इस विरोध की वजह से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि रीता यादव की गोली मारकर हत्या किए जाने का दावा गलत है।
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