Fact Check : राहुल गांधी से हाथ मिलाते पीएम मोदी का आठ साल पुराना वीडियो वायरल

पुराने वीडियो को कुछ लोग केंद्र में नई सरकार बनने के बाद का बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी को कुछ नेताओं से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में पीएम मोदी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से हाथ मिलाते हुए भी देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि चार जून को सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने इन नेताओं से हाथ मिलाया।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। पता चला कि पुराने वीडियो को कुछ लोग केंद्र में नई सरकार बनने के बाद का बताकर वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट गलत साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Pramukh Kushwaha ने आठ जून को एक वीडियो क्लिप को अपलोड करते हुए अंग्रेजी में लिखा कि चार जून को भाजपा की सरकार बनने के बाद।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। इसमें हमें मुलायम सिंह यादव और अरुण जेटली नजर आए। जिनका निधन हो चुका है। ऐसे में यह बात साबित हो गई कि वीडियो पुराना है। अब हमें यह जानना था कि वायरल वीडियो कब का है।

इसके लिए हमने वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस से सर्च किया। हमें एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक वीडियो मिला। इसमें वायरल वीडियो वाले हिस्‍से को देखा जा सकता है। 11 दिसंबर 2015 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि शरद पवार के 75वें जन्‍मदिन के समारोह में पीएम मोदी और राहुल गांधी को हाथ मिलाते हुए देखा गया।

वायरल क्लिप हमें इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी मिली। इसे 11 दिसंबर 2015 को अपलोड किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम के गिरीश कुमार से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल क्लिप काफी पुरानी है। इसका नई सरकार बनने के बाद से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो करीब आठ साल पुराना है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Pramukh Kushwaha के अकाउंट की जांच की। इस अकाउंट के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल क्लिप आठ साल पुरानी साबित हुई। उस वक्‍त शरद पवार के जन्‍मदिन के समारोह में सभी पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की थी। उसी वक्‍त के वीडियो के एक हिस्‍से को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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