Fact Check : आपबीती सुनाते पप्पू यादव का यह वीडियो 5 साल पुराना, भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 5 साल पुराना है। साल 2018 में पप्पू यादव ने आरोप लगाए थे कि बिहार में भारत बंद प्रदर्शन के दौरान एक समूह ने उनसे उनकी जाति को पूछकर उन पर हमला कर दिया था।   

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सभी राजनीतिक दलों ने आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी है। जन अधिकार पार्टी (जेएपी) प्रमुख पप्पू यादव ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वो लोगों को बीच जाकर उनसे वोट मांग रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर पप्पू यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जनता ने पप्पू यादव की पिटाई कर दी। 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 5 साल पुराना है। साल 2018 में पप्पू यादव ने आरोप लगाए थे कि बिहार में भारत बंद प्रदर्शन के दौरान एक समूह ने उनसे उनकी जाति को पूछकर  उन पर हमला कर दिया था।   

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर बिमल राजपूत ने 3 अक्टूबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “इस तरह से दौड़ा-दौड़ा कर “बाहुबली” कि “कुटाई-पिटाई” नहीं करनी चाहिए पब्लिक को , कि उपर -नीचे दोनो जगह से “आँसू” निकल आए। मैं इसका लालू यादव करता हूं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें वीडियो स्विच नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 6 सितंबर 2018 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “पप्पू यादव  पर बंद समर्थकों ने कर दिया हमला। सदर थाने क्षेत्र के खबरा गांव में हुआ हमला पप्पू यादव और गार्ड के साथ की गई मारपीट गाडी में तोडफोड भी की गई। बंद समर्थको ने जाति पूछकर मारपीट कर दी।”

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 6 सितंबर 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, “केंद्र की बीजेपी सरकार की तरफ से एससी/एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के बाद सवर्ण संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का बिहार में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। लोगों ने सड़कें और ट्रेनों के ट्रैक तक जाम कर दिए। इस दौरान कई जगह से छिटपुट हिंसा की खबरें भी सामने आई हैं। उधर, बिहार के मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया है। पप्पू यादव ने ट्विटर पर विडियो शेयर कर अपने साथ हुई घटना की आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, ‘नारी बचाओ पदयात्रा में मधुबनी जाने के दौरान हमारे काफिले पर भारत बंद के नाम पर गुंडों ने हमला किया, कार्यकर्ताओं को बुरी तरह जाति पूछ-पूछकर पीटा। हमने जब विरोध किया तो हम पर भी हमला किया। अगर हमारे सुरक्षाकर्मी ना होते तो ये लोग हमें भी मार डालते।’ उन्होंने रोते हुए कहा, ‘मैंने जिले के एसपी को फोन, आईजी को फोन किया, सीएम को फोन किया मगर किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया।”

हमने इस वीडियो को लेकर पटना दैनिक जागरण के इनपुट एडिटर अमित आलोक बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 1,376 फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर दिल्ली में रहता है और दरभंगा का रहने वाला है।

पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 5 साल पुराना है। साल 2018 में पप्पू यादव ने आरोप लगाए थे कि बिहार में भारत बंद प्रदर्शन के दौरान एक समूह ने उनसे उनकी जाति को पूछकर उन पर हमला कर दिया था।   

Misleading
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