Fact Check : राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए वायरल किया गया एडिटेड वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राहुल गांधी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। राहुल गांधी के वीडियो को एडिट करके उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है।

Fact Check : राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के लिए वायरल किया गया एडिटेड वीडियो

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ाने के मकसद से एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो को इस तरह से तैयार किया गया है कि जैसे राहुल गांधी अपने पिता के हत्‍यारे को लेकर खुद से बात कर रहे हों।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। राहुल गांधी के एक साल पुराने वीडियो को एडिट कर वायरल किया जा रहा है। राहुल गांधी एक बुक के विमोचन के मौके पर उन दलित युवकों के दर्द को बयां कर रहे थे, जिनको देखने वे अस्‍पताल पहुंचे थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Venkateswaran Sriram Iyer ने 3 अक्‍टूबर को राहुल गांधी से जुड़ी एक एडिटेड क्लिप को अपलोड करते हुए लिखा, “7 day challenge. You have to understand this speech in 7 days. it’s a challenge.Your time starts now.”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया। पोस्‍ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने राहुल गांधी के 3:18 मिनट के वायरल वीडियो के बारे में ज्‍यादा जानने के लिए सर्च करना शुरू किया। इसके लिए इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले । फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल के जरिए सर्च करना शुरू किया ।

असली वीडियो राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर मिला। 9 अगस्‍त 2022 को अपलोड इस वीडियो के बारे में पता चला कि नई दिल्‍ली के जवाहर भवन में द दलित टूथ्र नाम की एक किताब के विमोचन के मौके पर राहुल गांधी ने अपनी बात रखी थी।

48 मिनट के इस पूरे वीडियो को देखने से समझ में आया कि राहुल गांधी उन युवकों के दर्द को बयां कर रहे थे, जिन्‍होंने कीटनाशक पीकर अपनी जान देने की कोशिश की थी । वीडियो में राहुल गांधी को अपना अनुभव बताते हुए सुना जा सकता है, जब वे इन दलित युवकों से मिलने अस्‍पताल पहुंचे थे।

वीडियो के 34:46 मिनट पर राहुल गांधी को अपने पिता के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। इस वीडियो को यदि इससे पहले सुना जाए तो यह साफ हो जाएगा कि राहुल गांधी दलित युवकों के दर्द को बता रहे थे।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी से संपर्क किया। मेघवंशी राहुल गांधी के कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया, “मैं इस कार्यक्रम में एक पैनल के वक्ता के रूप में मौजूद था। यह दलित ट्रूथ नामक पुस्तक का विमोचन समारोह था, जिसे समृद्ध भारत फ़ाउंडेशन ने आयोजित किया था। राहुल गांधी ने दलित युवक की पीड़ा पूरी संजीदगी से रखी थी। वायरल वीडियो एडिटेड हैं। सरासर झूठ फैलाया जा रहा है।”

पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। Venkateswaran Sriram Iyer की प्रोफाइल के अनुसार, फेसबुक यूजर एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है। इस यूजर ने अपनी पढ़ाई दिल्‍ली यूनिवसिर्टी से की है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में राहुल गांधी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। राहुल गांधी के वीडियो को एडिट करके उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है।

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