विश्वास न्यूज की पड़ताल में दिग्विजय सिंह के नाम से वायरल पत्र फर्जी साबित हुआ। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस की ओर से अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की जा चुकी है। अब इसी के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नाम पर एक पत्र वायरल हो रहा है। इसे वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पत्र की जांच की। यह फर्जी साबित हुआ। इसे लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।
फेसबुक यूजर विनय पुरी ने 16 अक्टूबर को एक पत्र को पोस्ट करते हुए दावा किया, “पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का पार्टी से इस्तीफा..”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कांग्रेस छोड़ने का वायरल फर्जी पत्र की जांच के लिए सबसे पहले हमने गूगल ओपन सर्च टूल की मदद ली , क्योंकि यदि इतने बड़े नेता इस्तीफा देते हैं तो यह बड़ी खबर होती है।
सर्च के दौरान नईदुनिया डॉट कॉम पर दो खबर मिलीं। 15 अक्टूबर को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ओर से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने का फर्जी त्यागपत्र रविवार को इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित होने लगा। इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए दिग्विजय सिंह ने साइबर क्राइम के तहत कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।” पूरी खबर यहां पढ़ सकते हैं ।
16 अक्टूबर को पब्लिश खबर में बताया गया कि दिग्विजय सिंह के फर्जी पत्र को वायरल करने के मामले में भोपाल में एफआइआर दर्ज की गई है। एफआइआर क्राइम ब्रांच ने दर्ज की है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने दिग्विजय सिंह के एक्स हैंडल को स्कैन किया । 16 अक्टूबर को दिग्विजय सिंह की ओर से लिखा गया कि भाजपा झूठ बोलने में माहिर है। मैंने 1971 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। पद के लिए नहीं, बल्कि विचारधारा से प्रभावित होकर जुड़ा था और जीवन की आख़िरी साँस तक कांग्रेस में रहूँगा। इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कर रहा हूँ।
सर्च के दौरान एएनआई के मप्र के हैंडल पर हमें 16 अक्टूबर को अपलोड एक वीडियो मिला। इसमें भोपाल साइबर क्राइम के एसीपी सुजीत तिवारी की बाइट मिली। इसमें उनकी ओर से यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि उन्हें एक शिकायत मिली है। इसमें कहा गया है कि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की छवि खराब करने के लिए उनके इस्तीफा का फेक लेटर वायरल किया जा रहा है। इसे लेकर केस दर्ज कर लिया गया है।
एएनआई के एक्स हैंडल पर 15 अक्टूबर को दिग्विजय सिंह का एक बयान मिला। इसमें उन्हें फर्जी पत्र पर बयान देते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज से बातचीत में कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के गिरीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का वायरल पत्र पूरी तरह से फेक है। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का सरनेम ही गलत लिखा हुआ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का सरनेम खरगे है, खड़गे नहीं।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया के मध्य प्रदेश राज्य ब्यूरो प्रमुख धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह लेटर फेक है। इसे लेकर भोपाल में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर विनय पुरी को सात हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर पटना में रहता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में दिग्विजय सिंह के नाम से वायरल पत्र फर्जी साबित हुआ। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है।
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