विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि मनोज तिवारी के नाम पर वायरल पत्र फर्जी है। उन्होंने ऐसा कोई भी पत्र नहीं लिखा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्ली चुनाव के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसे वायरल करने वाले यूजर्स कह रहे हैं कि दिल्ली में हार से घबरा कर इस पत्र को लिखा गया है। विश्वास न्यूज ने जब इस लेटर की पड़ताल की तो यह फर्जी निकला। मनोज तिवारी ने ऐसा कोई भी पत्र भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष को नहीं लिखा है।
फेसबुक यूजर आशीष यादव ने 5 फरवरी को मनोज तिवारी का फर्जी पत्र अपलोड करते हुए दावा किया : ”तिवारी भी कभी-कभी सच #बोलता है अच्छा है, तभी तो अचानक से #अमित #शाह की #तस्वीर को लगभग हटा दिया गया है दिल्ली भाजपा #प्रचार #अभियान से, #$$% इतना #लहरा हुआ था पता ही नहीं था।”
आजतक की वेबसाइट पर हमें दिल्ली भाजपा से जुड़ी एक खबर में लेटर हेड मिला। हमने भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश के लेटर हेड और मनोज तिवारी के नाम से वायरल फर्जी पत्र की तुलना की। हमें दोनों में कई अंतर दिखे। सबसे पहला अंतर तो यही था कि पत्र के बायीं ओर भाजपा का चुनाव चिह्न कमल का रंग दोनों पत्रों में अलग अलग था। 2014 के चुनाव से ही भाजपा ने अपने चिन्ह में बदलाव किया हुआ है। इस बात की पुष्टि भाजपा नेता नीलकंठ बक्शी ने की।
इसके अलावा फर्जी लेटर में कमल के बाएं तरफ भगवा और हरे रंग की पट्टी हमें गायब दिखी। इतना ही नहीं, ओरिजनल लेटर हेड पर भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा में लिखा हुआ दिखा,जबकि फर्जी लेटर हेड में ऐसा नहीं है।
पड़ताल के अगले चरण में हमने फर्जी लेटर के पते की जांच की। फर्जी लेटर में भाजपा मुख्यालय का पता लिखा हुआ है, जबकि दिल्ली भाजपा के ओरिजनल लेटर हेड पर स्टेट ऑफिस का पता लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो कि 14 पंडित पंत मार्ग पर स्थित है।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद BJP की दिल्ली यूनिट के मीडिया मामलों के प्रभारी नीलकंठ बख्शी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ”वायरल पोस्ट पूरी तरह फर्जी है। ये विरोधियों की साजिश है।”
अंत में हमने मनोज तिवारी के फर्जी लेटर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर आशीष यादव की सोशल स्कैनिंग की हमें पता चला कि इस अकाउंट को 778 लोग फॉलो करते हैं। यूजर बिहार के मधेपुरा का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि मनोज तिवारी के नाम पर वायरल पत्र फर्जी है। उन्होंने ऐसा कोई भी पत्र नहीं लिखा है।
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