विश्वास न्यूज की पड़ताल में शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा वीडियो फर्जी निकला। उनके एक पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री को शराब के विषय में बोलते हुए सुना जा सकता है। वीडियो को वायरल करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सीएम ने कहा है कि जनता में इतनी दारू फैला दो कि पिएं और पड़े रहें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। यह एडिटेड साबित हुआ। दरअसल शिवराज सिंह चौहान के एक पुराना वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो उस वक्त का है, जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। शिवराज सिंह विपक्ष के तौर पर कांग्रेस की तत्कालीन सरकार पर हमलावर थे।
इंस्टाग्राम हैंडल yash.kaalma ने 22 अक्टूबर को एक वीडियो को अपलोड किया। वीडियो के ऊपर लिखा गया कि पीठ पीछे जनता को बर्बाद करने का तरीके बताते हुए सीएम मामा।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की एक बार पहले भी पड़ताल की थी। असली वीडियो शिवराज सिंह चौहान के एक्स हैंडल पर मिला। इसे 12 जनवरी 2020 को अपलोड करते हुए लिखा गया था, “चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है। किसानों की धान नहीं बिक रही, कर्जा माफ नहीं हो रहा, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है। विकास के काम भी ठप्प हैं। ऐसे में शराब की उपदुकानें खोलकर सरकार युवा पीढ़ी को बर्बाद करने पर अमादा है। हम चुप नहीं रहेंगे, लड़ेंगे।”
इस वीडियो को सुनने से यह स्पष्ट हो गया कि वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। असली वीडियो में 1:52 मिनट से मुख्यमंत्री को यह बोलते हुए सुना जा सकता है, “क्या कर रहा है यह आबकारी अमला। काहे के लिए बैठा है। यह क्यों नहीं रोकता है अवैध शराब की बिक्री। शराब घर-घर भेजोगे क्या। युवा पीढ़ी को खोखला और प्रदेश को तबाह और बर्बाद कर देगी शराब। लेकिन किसान कर्जा माफी की मांग न करे। नौजवान बेरोजगारी भत्ता न मांगे। गरीब संबल योजना की बात न करें। कोई मुख्यमंत्री कन्यादान का पैसा न मांग ले। इसलिए दारू इतनी फैला दो पूरे प्रदेश में कि पिए और पड़े रहें। मैं तो कहता हूं यदि मुख्यमंत्री नैतिक है तो नशा मुक्ति अभियान चलाना चाहिए। यह मेरे प्रदेश को तबाह करने पर उतारु है। इस महाविनाशी फैसले के खिलाफ जंग लड़ेंगे।”
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि 17 दिसंबर 2018 से लेकर 20 मार्च 2020 तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उस वक्त मुख्यमंत्री कमल नाथ थे। शिवराज उस वक्त सत्ता में नहीं थे। कांग्रेस सरकार की नई आबकारी नीति का विरोध करते हुए अपनी बात रखे थे।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में मध्य प्रदेश से प्रकाशित नईदुनिया अखबार के पॉलिटिकल एडिटर धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह वीडियो पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। यह एडिटेड है।
अंत में हमने इंस्टाग्राम हैंडल yash.kaalma की सोशल स्कैनिंग की। इस हैंडल को 102 लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्यादा जानकारी यहां नहीं मिली।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में शिवराज सिंह चौहान से जुड़ा वीडियो फर्जी निकला। उनके एक पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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