Fact Check : मनोज तिवारी के एक महीना पुराना इंटरव्‍यू की क्लिप फर्जी दावे के साथ वायरल

हमारी पड़ताल में पता चला कि मनोज तिवारी के रोने वाला वीडियो एग्जिट पोल और दिल्‍ली चुनाव के नतीजों से काफी पहले का है। दरअसल एडिटर अभिषेक उपाध्‍याय से बात करते हुए मनोज तिवारी अपने पुराने दिनों को याद करके हुए और अपना मजाक बनाए जाने से भावुक हो गए थे।

Fact Check : मनोज तिवारी के एक महीना पुराना इंटरव्‍यू की क्लिप फर्जी दावे के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के कई प्‍लेटफार्म पर दिल्‍ली भाजपा अध्‍यक्ष मनोज तिवारी के इंटरव्‍यू की एक क्लिप वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि एग्जिट पोल में हंसने वाले अब रो रहे हैं। यह क्लिप 11 फरवरी को दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से वायरल हो रही है। इसमें मनोज तिवारी को भावुक होते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल वीडियो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि वायरल वीडियो करीब एक महीने पुराने एक इंटरव्‍यू का है। 14 जनवरी को TV9 Bharatvarsh के एडिटर अभिषेक उपाध्याय ने यह इंटरव्यू लिया था। जबकि एग्जिट पोल करीब इसके एक महीने बाद 8 फरवरी को आया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में?

फेसबुक यूजर Zaid Imam ने मनोज तिवारी के इंटरव्‍यू का एक अंश अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए दावा किया : Exit poll pe hansi aati hai ab rona aa raha hai. Khushi ki Aansu Hi Re rinkiya 😆😆😆

यूजर ने इस वीडियो को 12 फरवरी को अपलोड किया था।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद उन ग्रैब को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया।

सर्च के दौरान हमें TV9 Bharatvarsh के यूटयूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें चैनल के एडिटर अभिषेक उपाध्‍याय ने मनोज तिवारी का इंटरव्‍यू लिया था। वीडियो को 14 जनवरी 2020 को अपलोड किया गया। इस इंटरव्‍यू की अवधि 23:26 मिनट की थी।

पड़ताल के दौरान ओरिजनल वीडियो के 14:34वे मिनट से लेकर 15:16 मिनट तक हमें वही फुटेज मिला, जिसे अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। जब एडिटर ने मनोज तिवारी से उनके पिता जी के दर्द के बारे में पूछा तो जवाब देते वक्‍त उनकी आंखों में आंसू आ गए।

इसके बाद हमने मनोज तिवारी का इंटरव्‍यू लेने वाले TV9 Bharatvarsh के एडिटर से सीधा संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि वायरल वीडियो उनके ही इंटरव्‍यू का एक अंश है। यह इंटरव्‍यू मकर संक्राति के दिन लिया गया था। इसमें मनोज तिवारी बात करते हुए भावुक हो गए थे। क्‍योंकि लगातार उनका मजाक बनाया जा रहा था। इस वीडियो का एग्जिट पोल या चुनावी नतीजों से कोई संबंध नहीं है।

अंत में हमने फर्जी दावे के साथ मनोज तिवारी के वीडियो को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Zaid Imam की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर ने अपना अकाउंट सितंबर 2016 में बनाया था। इस अकाउंट पर अधिकांश पोस्‍ट के रूप में हमें वायरल तस्‍वीरें और वीडियो मिले।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में पता चला कि मनोज तिवारी के रोने वाला वीडियो एग्जिट पोल और दिल्‍ली चुनाव के नतीजों से काफी पहले का है। दरअसल एडिटर अभिषेक उपाध्‍याय से बात करते हुए मनोज तिवारी अपने पुराने दिनों को याद करके हुए और अपना मजाक बनाए जाने से भावुक हो गए थे।

False
Symbols that define nature of fake news
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